अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर NDA नेताओं की अहम बैठक
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के मौके पर एनडीए के नेताओं ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर एक बैठक की. बैठक में राजनीतिक रणनीतियों और सुशासन पर चर्चा हुई, साथ ही कांग्रेस द्वारा उठाए गए संवैधानिक मुद्दों पर भी विचार किया गया. गृह मंत्री अमित शाह ने नेताओं को सलाह दी कि वे सरकार की सकारात्मक नीतियों पर ध्यान केंद्रित करें. इस बैठक में भविष्य में एक साथ चुनाव कराने को लेकर भी बातचीत हुई. जानिए इस बैठक में और क्या अहम बातें हुईं और क्या फैसले लिए गए!
NDA Leaders Meeting: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के अवसर पर बुधवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस बैठक में देश के विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता एकत्रित हुए और वाजपेयी की विरासत को सम्मानित करने के साथ-साथ कई राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की गई. हालांकि बैठक का कोई औपचारिक एजेंडा नहीं था, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, चर्चा का मुख्य विषय सुशासन और राजनीतिक रणनीतियों के इर्द-गिर्द था, जो वाजपेयी के शासनकाल की प्रमुख विशेषताओं में से एक थी.
बैठक में हुई प्रमुख चर्चा
इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु और अन्य एनडीए घटक दलों के नेता शामिल थे. सूत्रों के अनुसार, बैठक में कांग्रेस द्वारा उठाए गए संवैधानिक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई. विशेष रूप से, शाह ने कांग्रेस के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए एनडीए नेताओं से कहा कि उन्हें ऐसे विवादों से बचना चाहिए जो सरकार की सकारात्मक नीतियों और पहलों से ध्यान भटका सकते हैं.
गृह मंत्री अमित शाह ने यह भी सुझाव दिया कि एनडीए के भीतर समन्वय को और मजबूत करने की आवश्यकता है. इसके लिए यह प्रस्ताव किया गया कि एक केंद्रीय मंत्री और एक राज्य मंत्री मिलकर सांसदों के साथ काम करेंगे ताकि उनके मुद्दों को हल किया जा सके और उन्हें सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जा सके.
वाजपेयी की विरासत को श्रद्धांजलि
बैठक के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी की विरासत को याद करते हुए यह तय किया गया कि भविष्य में उनकी जयंती पर इसी तरह की बैठकें आयोजित की जाएं. वाजपेयी को भारतीय राजनीति में पहली गठबंधन सरकार चलाने का श्रेय दिया जाता है और उनके नेतृत्व में सरकार ने अपनी कार्यकाल को सफलतापूर्वक पूरा किया. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि वाजपेयी के नेतृत्व में देश ने जो सकारात्मक बदलाव देखे, उन्हें आगे बढ़ाया जाना चाहिए.
एनडीए का एक साथ चुनाव कराने का प्रस्ताव
बैठक में एक और महत्वपूर्ण चर्चा यह थी कि एनडीए अब एक साथ चुनाव कराने की दिशा में काम कर रहा है. इस प्रस्ताव को सभी घटक दलों ने समर्थन दिया है. इसके लिए दो विधेयकों की समीक्षा के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति बनाई गई है, जो 8 जनवरी को अपनी बैठक करेगी. गठबंधन के नेताओं का मानना है कि यदि देश में एक साथ चुनाव होते हैं, तो इससे राजनीतिक स्थिरता और विकास की गति को बढ़ावा मिलेगा.
अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी पर आयोजित यह बैठक न सिर्फ उनके योगदान को याद करने का अवसर था, बल्कि एनडीए के भीतर बेहतर समन्वय और राजनीतिक रणनीतियों को लेकर गंभीर चर्चा का भी एक मंच साबित हुआ. यह बैठक वाजपेयी के विचारों और उनके शासनकाल की नीतियों को आगे बढ़ाने के लिए एनडीए के नेताओं के संकल्प को और मजबूत करती है.