कैबिनेट में जगह न मिलने पर NDA के इन सहयोगी दलों ने जाहिर की नाराजगी

NDA Allies: एनडीए की झारखंड में सहयोगी पार्टी ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) ने नाराजगी जाहिर की है. बता दें, कि इस बार के आम चुनाव में राज्य की गिरिडीह लोकसभा सीट से एनडीए ने आजसू उम्मीदवार चंद्रप्रकाश चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा था.  

JBT Desk
JBT Desk

NDA Allies: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल लिए सोमवार 10 जून को सभी मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा हो चुका है. इस दौरान एनडीए सरकार में शामिल सहयोगी दलों के सांसदों की भी प्रमुखता से हिस्सेदारी देखी गई. इस बीच एनडीए की झारखंड में सहयोगी पार्टी ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) ने नाराजगी जाहिर की है. बता दें, कि इस बार के आम चुनाव में  राज्य की गिरिडीह लोकसभा सीट से एनडीए ने आजसू उम्मीदवार चंद्रप्रकाश चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा था.  

वहीं जब इस सीट से चंद्रप्रकाश चौधरी ने चुनाव में जीत हासिल की तो उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें भी कैबिनेट में मंत्री पद दिया जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. झारखंड से कैबिनेट मंत्री के तौर पर कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी को शपथ दिलवाई गई जबकि रांची से सांसद संजय सेठ को राज्यमंत्री के तौर पर मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया.

कैबिनेट में जगह न दिए जाने पर जाहिर की नाराजगी

आजसू को उम्मीद लगाई थी कि मोदी कैबिनेट में एक सांसद वाले पार्टी को भी मंत्री पद दिया गया है. इस दौरान  सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी को कैबिनेट में शामिल नहीं किए जाने को उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि सभी सहयोगी दल जो सरकार को समर्थन दे रहे हैं, उन्हें उचित मान सम्मान दिया जाना चाहिए था. इससे आजसू कार्यकर्ता और समर्थकों को निराशा हुई है और पार्टी इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करेगी.

2019 के विधानसभा चुनाव में जब रघुवर दास की अगुवाई में आजसू अकेले चुनाव लड़ी थी तो बीजेपी के खाते में सिर्फ 25 सीटें आई थी. ऐसे में एक बार फिर सियासी गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है कि क्या केंद्र में मंत्री बनाने से बीजेपी का इनकार यहां राज्य के विधानसभा चुनावों में असर पड़ सकता है. बता दें, कि झारखंड में ओबीसी की आबादी 46 प्रतिशत है, जिसमें यादव 10 प्रतिशत और वैश्य 25 प्रतिशत हैं. 

NCP अजित गुट ने भी जाहिर की थी नाराजगी

इससे पहले एनसीपी अजित गुट ने भी मंत्री पद नहीं मिलने के बाद नाराजगी जाहिर की थी. पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा था कि शपथ ग्रहण से पहले हमें बताया गया था कि हमारी पार्टी को स्वतंत्र प्रभार वाला एक राज्य मंत्री मिलेगा. मैं पहले केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री था, इसलिए यह मेरे लिए एक डिमोशन होता. हमने बीजेपी नेतृत्व को सूचित कर दिया है और उन्होंने हमें कहा है कि बस कुछ दिन इंतजार करें, वे सुधारात्मक उपाय करेंगे.

शिंदे गुट की शिवसेना ने भी जाहिर की थी नाराजगी

इसके अलावा मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिलने पर एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना ने भी नाराजगी जाहिर की थी. पार्टी के चीफ व्हीप श्रीरंग बारणे ने कहा था कि एक तरफ जहां, चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और एचडी कुमारस्वामी की पार्टी को कम सीट मिलने के बाद भी कैबिनेट में शामिल किया गया है. वहीं, उनकी पार्टी के सात सांसद होने के बावजूद सिर्फ स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्य मंत्री का ही पद दिया गया. 

बता दें, कि इस बार के आम चुनाव में चिराग पासवान को 5 में से सीटों पर जीत हासिल हुई है. वहीं मांझी के एक सांसद हैं, जेडीएस के दो सांसद हैं, फिर भी उन्हें एक कैबिनेट मंत्रालय मिला है. दूसरी और 7 लोकसभा सीटें मिलने के बाद भी शिवसेना को सिर्फ एक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिया गया है. 

calender
11 June 2024, 04:11 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

Subscribe to Our YouTube Channel!

Stay updated with our latest videos. Click the button below to subscribe now!