प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नवनिर्मित संसद भवन का उद्घाटन करने वाले है। इसके उद्घाटन को लेकर खूब सियासत हो रही है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल एकजुट होकर उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की योजना बना रहे हैं। विपक्ष के नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री की जगह राष्ट्रपति को इसका उद्घाटन करना चाहिए। अब पूर्व नौकरशाह समेत प्रतिष्ठित नगरिकों ने उद्घाटन का बहिष्कार करने के लिए विपक्ष की निंदा की है।
270 नागरिकों ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के लिए विपक्ष की निंदा की। इसमें 88 पूर्व नौकरशाह, 100 गणमान्य नागरिक और 82 अकादमी जगत के लोग शामिल हैं। इस समूह ने एक संयुक्त बयान जारी कर विपक्ष की आलोचना की है। समूह ने दावा किया है कि 'परिवार पहले' की नीति अपनाने वाली पार्टियां देश का प्रतिनिधित्व करने वाली संसद का बहिष्कार करने के लिए एकजुट हो गई है। इस समूह में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के पूर्व निदेशक वाईसी मोदी, पूर्व आईएएस आरडी कपूर, गोपाल कृष्ण और समीरेंद्र चटर्जी के अलावा लिंगया यूनिवर्सिटी के कुलपति अनिल रॉय दुबे शामिल हैं।
प्रतिष्ठित नागरिकों ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह हर भारतीय के एक गर्व का अवसर है, लेकिन विपक्षी पार्टियां इस अवसर पर भी राजनीति कर रही है। उनके बेबुनियाद तर्क, खोखले दावे और सबसे बढ़कर गैर-लोकतांत्रिक हाव-भाव का खुला प्रदर्शन समझ से परे है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे हैं। इस आधार पर कार्यक्रम का बहिष्कार करने वाले लोग लोकतंत्र की गरिमा को चोट पहुंचा रहे है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें नए संसद भवन का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया था। पीएम मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान लोकसभा स्पीकर भी पीएम मोदी के साथ मौजूद रहेंगे। First Updated : Saturday, 27 May 2023