Rape Bill: पश्चिम बंगाल में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए रेप और यौन हिंसा से संबंधित नए बिल का समर्थन करने का निर्णय लिया है. यह बिल पश्चिम बंगाल विधानसभा में पेश किया गया था और इसमें यौन अपराधों के मामलों में सख्त सजा के प्रावधान किए गए हैं.राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए इस बिल के अंतर्गत यौन हिंसा के मामलों की त्वरित सुनवाई और विशेष अदालतों की स्थापना की जाएगी.
इसके अलावा अपराधियों को कड़ी सजा और पीड़ितों को बेहतर कानूनी सहायता और सुरक्षा प्रदान करने के उपाय भी इसमें शामिल हैं. बता दे कि ममता बनर्जी सरकार का यह कदम राज्य में महिलाओं की सुरक्षा को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है.
ममता को मिला बीजेपी का समर्थन
भाजपा का इस बिल के प्रति समर्थन एक महत्वपूर्ण राजनीतिक सिग्नल है. पार्टी ने इसे एक सकारात्मक और समाज के हित में उठाया हुआ कदम माना है. भाजपा के नेताओं ने कहा कि वे समाज के बड़े मुद्दों पर राजनीति से ऊपर उठकर काम करना चाहते हैं. यह निर्णय भाजपा और ममता बनर्जी की सरकार के बीच के राजनीतिक तनावों को कम कर सकता है और एक साझा उद्देश्य की ओर इशारा करता है.
क्या है ये रेप बिल
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-हत्या मामले को लेकर ममता सरकार बुरी तरह से घिरी हुई है. राज्य सरकार के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इन सबके बीच सोमवार को राज्य सरकार ने बंगाल विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया है. इस विशेष सत्र के दौरान एक विधेयक पेश किया जाएगा जिसमें दुष्कर्म के दोषियों को 10 दिन के अंदर फांसी की सजा सुनिश्चित करने का प्रस्ताव है. सूत्रों के मुताबिक, विशेष सत्र सोमवार को शुरू होगा और प्रस्तावित विधेयक मंगलवार को पेश किए जाने की पूरी संभावना है. मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा विधानसभ में ममता के इस कदम का समर्थन करेगी.
ममता सरकार का ऐतिहासिक निर्णय
पश्चिम बंगाल में इस बिल के पास होने के बाद, यौन हिंसा के मामलों में न्याय मिलने की प्रक्रिया को और भी प्रभावी बनाने की उम्मीद की जा रही है. यह निर्णय राज्य में महिला सुरक्षा को लेकर एक नई उम्मीद जगा सकता है और दोनों पार्टियों के बीच बेहतर सहयोग का संकेत दे सकता है. इस ऐतिहासिक समर्थन से यह भी स्पष्ट होता है कि राजनीतिक दलों के बीच में मतभेदों के बावजूद, समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों पर एकजुटता और सहयोग की संभावना बनी रहती है. First Updated : Sunday, 01 September 2024