'बंटेंगे तो कटेंगे' नारे का नया वर्जन! बसपा सुप्रीमो मायावती ने किया इजाद
up byelection: इस नारे पर बीजेपी का कहना है कि बटेंगे तो कटेंगे नारे ने समाज को जागरूक करने का काम किया है. इस नारे ने विपक्षियों को भी भारत की संस्कृति पर बात करने के लिए विवश कर दिया है. इस नारे ने अपना काम किया है.
UP Upchunav news: उत्तर प्रदेश में 'बटेंगे तो कटेंगे' नारे को लेकर बहस चल रही है. उपचुनाव के दौरान इस बयान ने सियासत को और गर्म कर दिया है. बीजेपी इसे लोक जागरूकता से जोड़ रही है, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) इसे घटिया और बीजेपी की निराशा का प्रतीक बता रही है. इसी बीच, पूर्व सीएम मायावती ने भी बयान दिया है.
मायावती ने कहा कि बीएसपी (बहुजन समाज पार्टी) के उप-चुनाव में उतरने से बीजेपी और सपा की नींद उड़ गई है. उन्होंने कहा कि बीजेपी का 'कटोगे तो बंटोगे' और सपा का 'जोड़ेंगे तो जीतेंगे' का नारा जनता को गुमराह करने की कोशिश है. मायावती ने कहा कि बीएसपी का शासन सबसे बेहतर रहा है और लोगों को पोस्टर के बहाने नहीं आना चाहिए. उन्होंने मतदाताओं को सावधान रहने की सलाह दी और कहा कि सपा के शासन में गुंडे और माफिया ही सरकार चलाते थे. मायावती का मानना है कि बीजेपी और सपा के गठबंधन से दूर रहना ही बेहतर है.
अखिलेश यादव का ट्वीट
इससे पहले, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 'बटेंगे तो कटेंगे' नारे पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने इसे बीजेपी की निराशा और नाकामी का प्रतीक बताया. उनका कहना था कि इस नारे ने साबित कर दिया है कि बीजेपी के कुछ बचे हुए 10% मतदाता भी अब खिसकने के कगार पर हैं.
अखिलेश यादव ने दिया ऐसा बयान
अखिलेश यादव ने कहा कि नकारात्मक नारे का असर होता है. उन्होंने यह भी कहा कि यह नारा देश के इतिहास में 'निकृष्टतम' नारे के रूप में दर्ज होगा और बीजेपी के राजनीतिक पतन का एक अध्याय साबित होगा. उन्होंने बीजेपी को सलाह दी कि उन्हें अपने नकारात्मक नजरिए और सलाहकारों को बदलना चाहिए. अखिलेश ने कहा कि सकारात्मक विचारों को अपनाना बेहतर है और बीजेपी को समाज में कोई जगह नहीं है.