अपने पूर्ववर्तियों आईएनएस नीलगिरि, उदयगिरि, हिमगिरि, तारागिरि और दूनागिरि की तरह, विंध्यगिरि का नाम कर्नाटक की एक पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है.
यह तकनीकी रूप से काफी एडवांस है और अपने पूर्ववर्ती आईएनएस विंध्यगिरि, लिएंडर क्लास एएसडब्ल्यू फ्रिगेट की विशिष्ट सेवा को उचित श्रद्धांजलि देता है.
लगभग 31 वर्षों की अपनी सेवा के दौरान पुराने विंध्यगिरि ने विभिन्न चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन और बहुराष्ट्रीय अभ्यास का हिस्सा रहा.
नव नामित विंध्यगिरि अपनी समृद्ध नौसैनिक विरासत को अपनाने और स्वदेशी रक्षा क्षमताओं के भविष्य की दिशा में खुद को आगे बढ़ाने के भारत के दृढ़ संकल्प का प्रतिनिधित्व करता है.
विंध्यगिरि प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट्स का छठा जहाज है.
ये युद्धपोत प्रोजेक्ट 17 क्लास फ्रिगेट्स (शिवालिक क्लास) के फॉलो-ऑन हैं.
यह बेहतर स्टील्थ सुविधाओं, उन्नत हथियारों और सेंसरों के साथ-साथ प्लेटफ़ॉर्म प्रबंधन प्रणालियों से सुसज्जित है.
प्रोजेक्ट 17ए जहाजों को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा इन-हाउस डिजाइन किया गया है, जो सभी युद्धपोत डिजाइन गतिविधियों के लिए अग्रणी संगठन है.
प्रोजेक्ट 17ए जहाजों के उपकरण और प्रणालियों के 75 प्रतिशत ऑर्डर स्वदेशी फर्मों से हैं. इसमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) शामिल हैं.
विंध्यगिरि का प्रक्षेपण "आत्मनिर्भर नौसैनिक बल के निर्माण में हमारे राष्ट्र द्वारा की गई अविश्वसनीय प्रगति" का एक उपयुक्त प्रमाण है.