Srinagar: जम्मू- कश्मीर के लाल चौक पर मना नए साल का जश्न, पहली बार जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग ने किया आयोजन

Srinagar: कश्मीर घाटी में घूमने आए कई जगहों के पर्यटकों को क्लॉक टावर इलाके में जश्न मनाते देखा गया, वहीं नए साल के आगमन को लेकर सारे होटल और गेस्ट हाउस कई महीने पहले से बुक हो चुका था.

Rupa Kumari
Edited By: Rupa Kumari

हाइलाइट

  • आम जनता के साथ पर्यटकों की खुशी भी देखने लायक थी, सारे पर्यटक झूमते- नाचते दिखाई दिए.
  • नए साल के आगमन को लेकर श्रीनगर में सारे होटल और गेस्ट हाउस कई महीने पहले से बुक हो चुका था.

Srinagar: जम्मू-कश्मीर को भारत का जन्नत कहा जाता है, वहीं श्रीनगर के लाल चौक पर पहली बार नए साल को लेकर भव्य जश्न का आयोजन किया गया था. इस दौरान युवाओं ने आने वाले साल 2024 के स्वागत के लिए देर शाम ही जश्न मनाने की शुरुआत कर दी थी, जो देर रात तक चलता रहा. साल 2024 के आगमन के लिए कश्मीर के युवा लाल चौक पर काफी संख्या में इकट्ठा हुए एवं धूमधाम से नए साल का स्वागत करते नजर आए. इतना ही नहीं आम जनता के अलावा पर्यटकों की भारी संख्या देखी गई. 

गुलमर्ग में मौसम हुआ साफ

मिली जानकारी के मुताबिक बीते दिन यानी रविवार को उत्तरी कश्मीर में बर्फ से ढका हुआ रहने वाला गुलमर्ग इलाका धूप से खिल उठा. इसके बाद पूरा शहर नए साल के आगमन को लेकर नाचने- झूमने लगा. गुलमर्ग में दिनभर लोगों की भारी भीड़ देखी गई. पर्यटक झूमते- नाचते दिखाई दिए कई म्यूजिकल इवेंट्स के साथ नए साल का स्वागत किया गया. 

सोनमर्ग में भी पहली बार जश्न

गांदरबल के सोनमर्ग में नए साल का जश्न बहुत धूमधाम से मनाया गया है, दरअसल यहां भी पहली बार फेस्टिवल का आयोजन किया गया, वहीं आम जनता के साथ पर्यटकों की खुशी भी देखने लायक थी. इतना ही नहीं जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग की तरफ से जश्न का आयोजन किया गया था. जबकि लोगों ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए बताया कि, उनको यकीन नहीं हो रहा है कि, उनका नया साल 2024 जन्नत में शुरू हो रहा है.

होटल और गेस्ट हाउस पूरी तरह फुल

हालांकि, कश्मीर घाटी में घूमने आए कई जगहों के पर्यटकों को क्लॉक टावर इलाके में जश्न मनाते देखा गया. बता दें कि अन्य शहरों से लोग गुलमर्ग, पहलगाम और सोनमर्ग जाना चाह रहे थे, तो वहां के होटल और गेस्ट हाउस में रहने की जगह नहीं थी. नए साल के आगमन को लेकर सारे होटल और गेस्ट हाउस कई महीने पहले से बुक हो चुके थे. जबकि साल 2024 का ये जश्न आने वाले 2025 में और अधिक पर्यटक लेकर आएगा. क्योंकि यहां की आबादी घूमने आए पर्यटकों पर निर्भर करती है.

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01 January 2024, 07:10 AM IST

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