NHRC Takes Action: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी (आप) के प्रचार अभियान को लेकर एक बड़ा विवाद सामने आया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर शेयर किए गए एक वीडियो का स्वत: संज्ञान लिया है, जिसमें बच्चों को पार्टी के लिए प्रचार करते हुए दिखाया गया है।
NHRC का कड़ा रुख और वीडियो हटाने का आदेश
NHRC के सदस्य, प्रियांक कानूनगो ने इस वीडियो को "आपत्तिजनक" बताते हुए 'एक्स' को इसे हटाने का निर्देश दिया है। उनका कहना था कि इस वीडियो के माध्यम से बच्चों को सीधे राजनीतिक प्रचार में शामिल किया गया है, जो कानूनी और चुनावी मानदंडों का उल्लंघन करता है। कानूनगो ने यह भी कहा कि यह वीडियो भारत के चुनाव आयोग द्वारा 5 फरवरी 2024 को जारी किए गए दिशा-निर्देशों के खिलाफ है, साथ ही किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 75 का भी उल्लंघन है।
बच्चों के राजनीतिक प्रचार में शामिल होने की चिंता
NHRC सदस्य ने पत्र में कहा कि बच्चों का राजनीतिक प्रचार में शामिल होना न केवल अनुचित है, बल्कि यह उनके अधिकारों का उल्लंघन भी हो सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि आयोग बच्चों की भागीदारी से जुड़ी चिंताओं को लेकर गंभीर है और चुनावी प्रचार में बच्चों का इस्तेमाल किसी भी स्थिति में उचित नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने चुनाव आयुक्त से अपील की है कि वे सभी राजनीतिक दलों को इस विषय पर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करें।
आदेश का पालन और आगामी कदम
NHRC ने स्पष्ट रूप से कहा कि फिलहाल दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू नहीं हुई है, फिर भी यह मामला तत्काल कार्रवाई का है। आयोग ने 'एक्स' से वीडियो को हटाने के बाद सात दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) प्रस्तुत करने की मांग की है। इस रिपोर्ट में यह बताया जाना चाहिए कि वीडियो हटाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
इस आदेश से यह साफ है कि राजनीति में बच्चों का इस्तेमाल करना अब कानूनी तौर पर चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हालांकि, इस मुद्दे ने राजनीतिक और कानूनी दलों के बीच बहस को जन्म दे दिया है, जो बच्चों के अधिकारों और चुनावी प्रचार के बीच संतुलन स्थापित करने के लिए जरूरी कदम उठाने की बात कर रहे हैं। First Updated : Monday, 30 December 2024