Kerala Nipah Virus: केरल के कोझिकोड जिले में घातक निपाह वायरस अपना कहर बरपा रहा है. संक्रमित लोगों के राब्ते में आए 1,080 लोगों की पहचान की गई है. शुक्रवार को 130 लोगों को ट्रैक किया गया. इसके साथ ही संक्रमितों के राब्ते में आए लोगों में 327 स्वास्थ्य कर्मी हैं. इसके साथ ही वायरस को लेकर राज्य में अलर्ट जारी किया गया है. 2018 के बाद से केरल में निपाह वायरस का यह चौथा प्रकोप है. केरल में आने जाने को लेकर सलाह दी गई है.
वायरस के छह मामले
केरल में निपाह वायरस के मामलों की संख्या बढ़कर छह हो गई है. वहीं इनमें से अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है. दूसरी ओर नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने ऑस्ट्रेलिया से निपाह वायरस के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी मंगा ली हैं. पांच साल पहले 2018 में जब निपाह के मामले मिले, तब भी ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी आई थीं, लेकिन संक्रमण ज़्यादा नहीं बढ़ा जिस वजह से इनका इस्तेमाल नहीं हुआ.
क्या है निपाह वायरस?
WHO का कहना है कि निपाह वायरस की मृत्यु दर 40- 75 प्रतिशत के बीच हो सकती है. निपाह वायरस एक वायरल संक्रमण है और 'निपाह' नाम मलेशिया के एक गांव से आया है, जहां इसका पहला प्रकोप 1998-1999 में सामने आया था और इसकी मृत्यु दर काफी अधिक है. निपाह वायरस का संक्रमण एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) से जुड़ा होता है और इससे हल्की से लेकर गंभीर बीमारी और यहां तक कि मौत भी हो सकती है. एशिया के कुछ हिस्सों, बांग्लादेश और भारत में इसका प्रकोप लगभग हर साल होता है.
कब तक आएगा टीका?
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल का कहना है कि 'आईसीएमआर की पूरी टीम नए टीका बनाने में जुटी हुई है. अगले दो से तीन महीने में डेंगू के टीके का देश भर के अस्पतालों में ट्रायल शुरू होने वाला है. इसके साथ ही टीबी और निपाह को लेकर भी टीका की खोज की जाएगी. First Updated : Saturday, 16 September 2023