वो कारण जो बने BJP के बैरिकेड, गडकरी ने बताया क्यों 240 पर थमी पार्टी

Nitin Gadkari On Lok Sabha Chunav Result: देश के 2 राज्यों में विधानसभा चुनाव का माहौल चल रहा है. इस बीच नेताओं के बयान काफी चर्चा में है. बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर हमला कर रहे हैं. ऐसे में भाजपा से 400 पार को लेकर भी सवाल किया जा रहा है. इस बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का एक बयान आया है. इसमें वो बता रहे हैं कि आखिर बीजेपी की 303 से सीटें घटकर 240 पर कैसे आ गई.

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Nitin Gadkari: देश के 2 राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा गरम है. इस बीच लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सीटों में गिरावट को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में बयान दिया. उन्होंने इसके पीछे विपक्षी दलों द्वारा मतदाताओं को भ्रमित करने की कोशिशों को जिम्मेदार ठहराया.. एक कार्यक्रम में उन्होंने किसानों और पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं का विशेष रूप से उल्लेख किया, जो उनके अनुसार भाजपा के पक्ष में नहीं रहे. आइये जानें उन्होंने और क्या कहा?

जून में हुए चुनावों में भाजपा अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पाई और केवल 240 सीटें जीत सकी, जबकि 2019 के चुनाव में उसे 303 सीटें मिली थीं. इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए गडकरी ने जवाब दिया कि यह चुनाव लोगों को समझाने या भ्रमित करने वाला था. विपक्ष ने मतदाताओं के बीच यह भ्रम फैलाया कि भाजपा संविधान के खिलाफ है और इसे बदलने की कोशिश करेगी.

पिछड़ा वर्ग और किसानों पर असर

गडकरी ने बताया कि विपक्ष ने विशेष रूप से पिछड़ा वर्ग के बीच डर पैदा किया कि उन्हें मिल रहे लाभ समाप्त हो जाएंगे. इसके अलावा, किसानों के लिए भाजपा द्वारा उठाए गए कदमों को भी विपक्ष ने किसानों के खिलाफ बताया. इन आरोपों के कारण भाजपा को चुनावों में नुकसान हुआ.

भविष्य के चुनावों में विश्वास

गडकरी ने कहा कि मुझे लगता है कि लोकसभा चुनाव भारत की जीत थी. भाजपा ने सत्ता में वापसी की है और मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले चार राज्यों के चुनावों में भी हमें अच्छा बहुमत मिलेगा. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा का प्रदर्शन कांग्रेस के 60 सालों की तुलना में बेहतर रहा है और जनता ने भाजपा पर फिर से भरोसा जताया है.

प्रधानमंत्री पद पर गडकरी का रुख

गडकरी ने एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि एक नेता ने उन्हें प्रधानमंत्री पद की दौड़ में समर्थन देने की पेशकश की थी लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को यह कहते हुए ठुकरा दिया कि उनके जीवन का लक्ष्य प्रधानमंत्री बनना नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं अपने संगठन के प्रति वफादार हूं और किसी भी पद के लिए समझौता नहीं करूंगा. उन्होंने राजनीति और पत्रकारिता दोनों में नैतिकता के महत्व पर जोर दिया.

First Updated : Monday, 16 September 2024