मन में रखते हैं करवाहट और करते हैं भाईचारे की बात... 'ईद की सेवइयां खिलानी हैं तो गुझिया भी खानी पड़ेगी'– संभल CO
संभल के CO अनुज चौधरी ने भाईचारे पर जोर देते हुए कहा कि अगर ईद की सेवइयां खिलानी हैं तो गुझिया भी खानी पड़ेगी. साथ ही, उन्होंने साफ किया कि सड़कों और छतों पर नमाज की इजाजत नहीं मिलेगी. उनके इस बयान पर चर्चा तेज हो गई है! आखिर CO साहब ने ऐसा क्यों कहा? पूरी खबर पढ़िए और जानिए पूरा मामला!

UP News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में CO अनुज चौधरी एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं. उन्होंने पीस कमेटी की बैठक के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द को लेकर अपनी बात रखी. अपने पिछले बयान '52 जुमे और एक होली' को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि अगर आप ईद की सेवइयां खिलाना चाहते हैं तो आपको भी हमारी गुझिया खानी पड़ेगी. उनके इस बयान का मकसद समाज में आपसी भाईचारा मजबूत करना था.
इसके साथ ही उन्होंने नमाज को लेकर भी सख्त नियमों की बात कही. उन्होंने साफ कहा कि सड़क या मकान की छतों पर नमाज अदा करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर कोई समस्या होती है तो दोनों पक्षों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
भाईचारा बढ़ाने के लिए दोनों तरफ से पहल जरूरी
संभल के CO अनुज चौधरी ने पीस कमेटी की बैठक में यह बात दोहराई कि अगर समाज में भाईचारा बढ़ाना है तो इसे दोनों पक्षों को निभाना होगा. उन्होंने कहा— 'अगर आप हमें ईद की सेवइयां खिलाना चाहते हैं तो आपको भी हमारी गुझिया खानी पड़ेगी. भाईचारे की बात तभी हो सकती है जब दोनों ओर से मिठास हो. यह नहीं हो सकता कि मन में कड़वाहट रहे और ऊपर से भाईचारे की बातें की जाएं.' CO अनुज चौधरी ने कहा कि अगर किसी को मेरे बयान से आपत्ति है, तो वह कोर्ट जा सकता है. उन्होंने साफ किया कि उनके बयान में कुछ भी गलत नहीं है और अगर किसी को लगता है कि यह गलत है, तो वे कानूनी कदम उठा सकते हैं.
सड़कों और छतों पर नमाज की नहीं मिलेगी अनुमति
इस बैठक में SDM सदर की अध्यक्षता में चर्चा हुई, जिसमें ASP श्रीचंद भी मौजूद रहे. बैठक में यह फैसला लिया गया कि ईद और अलविदा जुमा की नमाज सड़क पर अदा नहीं की जाएगी.
CO अनुज चौधरी ने कहा कि— 'हमने फैसला किया है कि नमाज केवल मस्जिदों में ही होगी. ना तो सड़क पर और ना ही मकानों की छतों पर इसकी इजाजत दी जाएगी.' उन्होंने यह भी समझाया कि छतों पर नमाज पढ़ने से दुर्घटना का खतरा हो सकता है. अगर ज्यादा भीड़ इकट्ठा हो गई, तो छत गिरने का खतरा रहेगा, जिससे हादसा हो सकता है. इसलिए प्रशासन ने सख्ती से यह नियम लागू किया है कि किसी भी हाल में मस्जिद के चबूतरे के बाहर भी नमाज अदा नहीं की जाएगी.
अगर कोई दिक्कत होगी तो दोनों पक्षों को भुगतना पड़ेगा
CO अनुज चौधरी ने आगे कहा कि अगर किसी भी धार्मिक आयोजन के दौरान कोई गड़बड़ी होती है, तो इसका असर दोनों समुदायों पर पड़ेगा. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि— 'संभल को छोड़कर बीते तीन महीनों में किसी भी जिले में कोई दंगा नहीं हुआ. लेकिन यहां कुछ घटनाएं हुईं, जिनमें जो भी लोग दोषी पाए गए, उन्हें ही जेल भेजा गया. किसी निर्दोष को सजा नहीं दी गई है.' उन्होंने साफ किया कि प्रशासन पूरी निष्पक्षता से काम कर रहा है और इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए.
शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील
संभल प्रशासन ने इस बैठक में साफ कर दिया कि भाईचारा तभी मजबूत होगा जब दोनों समुदाय बराबर सहयोग करें. CO अनुज चौधरी ने अपने बयान में समाज को सांप्रदायिक सौहार्द और आपसी सम्मान बढ़ाने का संदेश दिया. इसके साथ ही प्रशासन ने यह भी साफ किया कि सड़कों और छतों पर नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी, ताकि किसी भी तरह की समस्या या दुर्घटना से बचा जा सके. अब देखना होगा कि प्रशासन के इन निर्देशों का कितना पालन किया जाता है और समाज इस दिशा में कितना सहयोग करता है.