BJP का फरमान: न सड़क पर नमाज, न नवरात्र में दुकानों पर मीट... अब मचेगा बवाल? सियासत हुई गर्म!
यूपी से दिल्ली तक सड़क पर नमाज और नवरात्र में मीट बिक्री को लेकर सियासत गरमाई हुई है. बीजेपी नेता सड़क पर नमाज पर रोक की मांग कर रहे हैं तो विपक्ष इसे राजनीति बता रहा है. उधर, यूपी सरकार ने नवरात्र के दौरान मीट की दुकानों पर सख्ती की बात कही है. सवाल ये है कि क्या आस्था और राजनीति का ये टकराव कोई नया मोड़ लेगा? पूरी खबर जानने के लिए पढ़ें...

UP News: सड़क पर नमाज और नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों को लेकर देश में सियासी माहौल गरम हो गया है. यूपी के संभल और मेरठ से उठी यह बहस अब दिल्ली तक पहुंच गई है. बीजेपी नेताओं ने सड़क पर नमाज पर रोक लगाने की मांग की, तो वहीं विपक्ष ने इसे सीधे-सीधे संविधान का उल्लंघन करार दिया. दूसरी ओर, यूपी में बीजेपी नेताओं ने नवरात्र में मीट की बिक्री पर बैन लगाने की बात कही, जिस पर विपक्ष ने जोरदार ऐतराज जताया है.
दिल्ली में बीजेपी विधायकों की मांग
गुरुवार को दिल्ली में कई बीजेपी विधायकों ने सड़क पर नमाज पर रोक लगाने की मांग की. उनका कहना था कि सार्वजनिक स्थानों का इस तरह इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. आम आदमी पार्टी ने बीजेपी की इस मांग को हिंदू-मुस्लिम राजनीति करार दिया. आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी के नेता एक तरफ इफ्तार पार्टियों में शामिल होते हैं और दूसरी तरफ इस तरह की मांग उठाते हैं.
संभल और मेरठ में प्रशासन सख्त
संभल में प्रशासन ने ईद और अलविदा जुमे की नमाज को लेकर बैठक बुलाई और साफ निर्देश दिए कि इस बार सड़कों के साथ-साथ घरों की छतों पर भी नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं होगी. मेरठ में भी प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि जो लोग नियमों का उल्लंघन करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी, यहां तक कि पासपोर्ट और लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं.
विपक्ष का ऐतराज
समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने प्रशासन के इस फैसले पर नाराजगी जताई. उन्होंने सवाल उठाया कि लोग अपने घरों की छतों पर नमाज क्यों नहीं पढ़ सकते. उन्होंने इसे संविधान के खिलाफ बताया और कहा कि प्रशासन जबरन लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता छीनने की कोशिश कर रहा है.
मीट की दुकानों पर भी बवाल
यूपी में बीजेपी नेताओं ने नवरात्र के दौरान मीट की दुकानों को बंद करने की मांग की. यूपी सरकार के मंत्री कपिल अग्रवाल ने साफ कहा कि नवरात्रि के 9 दिनों तक कोई मीट की दुकान नहीं खुलेगी. इसके बाद विपक्ष ने इसे भी धार्मिक भेदभाव करार दिया. अब यह बहस मध्य प्रदेश तक पहुंच गई है, जहां बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी मीट की दुकानों को बंद करने की मांग की है.
अखिलेश यादव का तंज
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी पार्टी विकास की राजनीति करती है, जबकि बीजेपी नफरत फैलाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि कन्नौज इत्र की खुशबू के लिए जाना जाता है, लेकिन बीजेपी वहां नफरत की दुर्गंध फैलाना चाहती है.
क्या अब कोई हल निकलेगा?
सड़क पर नमाज हो या मीट की दुकानें बंद करने का मुद्दा, इन मामलों पर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. प्रशासन ने सख्ती के संकेत दे दिए हैं लेकिन विपक्ष भी पूरी तरह से मोर्चा खोले हुए है. आने वाले दिनों में देखना होगा कि यह मामला और कितना तूल पकड़ता है और क्या कोई समाधान निकल पाता है या नहीं.