बृजभूषण शरण सिंह को राहत नहीं, दिल्ली हाईकोर्ट ने इस आधार पर नकारा
Brij Bhushan Sharan Singh: भाजपा नेता और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह की दिल्ली हाईकोर्ट ने खिंचाई कर दी है. कोर्ट ने उन्हें तात्कालिक तौर पर किसी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही उनके वकील को इस मामले में एक नोट पेश करने के लिए कहा गया है. फिलहाल अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए तारीख दे दी है.
Delhi High Court On Brij Bhushan Sharan Singh Case: दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह को कोई राहत देने से मना कर दिया है. न्यायालय ने सिंह को उनकी सभी दलीलों के साथ एक नोट प्रस्तुत करने को कहा है. सिंह की याचिका लगाकर उनके खिलाफ लगे आरोप और चल रही कार्रवाई को रद्द करने की मांग की थी. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने की और उन्होंने याचिका को लेकर सिंह से सवाल भी किया.
15 जून, 2023 को पुलिस ने सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354, 354A (यौन रूप से अश्लील टिप्पणी), 354D (पीछा करना) और 506(1) (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था. इसी पर ट्रायल कोर्ट ने कहा कि सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं.
कोर्ट ने पूछा सवाल
कोर्ट ने गुरुवार को बृजभूषण शरण सिंह द्वारा महिला पहलवानों के आरोपों को रद्द करने के लिए याचिका पर आपत्ति जताई है. न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने गुरुवार को कहा कि सिंह की याचिका एक अप्रत्यक्ष प्रयास प्रतीत होती है, जिससे उनके खिलाफ शुरू हुए मुकदमे को पूरी तरह से रद्द किया जा सके. कोर्ट ने पूछा कि उन्होंने आरोप तय करने के आदेश और पूरी कार्यवाही को चुनौती देने के लिए एक ही याचिका क्यों दाखिल की.
फटकार के बाद दी अगली तारीख
हाई कोर्ट ने कहा कि हर चीज़ पर एक समग्र आदेश नहीं हो सकता.अगर आप आरोपों के आदेश को रद्द करना चाहते थे, तो आप पहले आ सकते थे. एक बार जब मुकदमा शुरू हो गया है, तो यह एक अप्रत्यक्ष तरीका है. कोर्ट ने सिंह के वकील से दो हफ्तों में एक संक्षिप्त नोट तैयार करने को कहा और इसके बाद अगली सुनवाई के लिए 26 सितंबर की तारीख निर्धारित की.
कोर्ट से राहत की मांग करते हुए उन्होंने कहा पूरा मामला छिपे हुए एजेंडे पर आधारित है. पहलवान उन्हें भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष पद से हटाने की चाहत रखते थें. इसी को आधार बताते हुए उन्होंने FIR और आरोप तय करने के ट्रायल कोर्ट को रद्द करने की मांग की है.
बृजभूषण शरण सिंह पर पहलवानों लगाए थे आरोप
कुल छह पहलवानों ने सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. उनकी शिकायतों के आधार पर पुलिस ने पूर्व सांसद के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी. एक नाबालिग पहलवान ने भी सिंह पर आरोप लगाए थे, लेकिन बाद में उसने अपनी शिकायत वापस ले ली. दिल्ली पुलिस ने उस मामले में बच्चों के यौन उत्पीड़न से संरक्षण अधिनियम (POCSO Act) के तहत रद्दीकरण रिपोर्ट दाखिल की.