पंजाब के पूर्व CM बेअंत सिंह के हत्यारे को SC से नहीं मिली राहत
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है। दोषी बलवंत सिंह राजोआना की फांसी को उम्रकैद में बदलने की मांग वाले केस पर बुधवार को यानी आज सुनवाई हुई।
हाइलाइट
- पंजाब के पूर्व CM बेअंत सिंह के हत्यारे को SC से नहीं मिली राहत
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है। दोषी बलवंत सिंह राजोआना की फांसी को उम्रकैद में बदलने की मांग वाले केस पर बुधवार को यानी आज सुनवाई हुई। जिसमे सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कोई राहत नहीं मिली है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने दया याचिका को ठुकराते हुए केंद्र सरकार को राजोआना की सजा पर विचार करने के लिए कहा है।
जस्टिस बीआर गवई की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा राजोआना की दया याचिका पर फैसला करने में देरी को उसकी सजा कम करने की अनिच्छा के रूप में माना जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च को राजोआना द्वारा 2020 में दायर एक याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
पंजाब पुलिस के एक पूर्व कांस्टेबल राजोआना को पंजाब सिविल सचिवालय के बाहर एक विस्फोट में शामिल होने के लिए दोषी ठहराया गया था, जिसमें 1995 में बेअंत सिंह और 16 अन्य मारे गए थे।
जुलाई 2007 में एक विशेष अदालत ने हत्या के केस में एक अन्य आतंकवादी जगतार सिंह हवारा के साथ राजोआना को मौत की सजा सुनाई। राजोआना दूसरा मानव बम था अगर पहला कांग्रेसी नेता को मारने में विफल होता। राजोआना को 31 मार्च 2012 को फांसी दी जानी थी। लेकिन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) एक सिख धार्मिक निकाय ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने के बाद 28 मार्च, 2012 को केंद्र में तत्कालीन कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा फांसी पर रोक लगा दी थी।
राजोआना का प्रतिनिधित्व करते हुए, वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने जोर देकर कहा कि उनके मुवक्किल 2019 के संचार के आलोक में कम्यूटेशन के हकदार थे और क्योंकि वह 15 साल से मौत की सजा पर हैं और 26 साल से जेल में हैं। अब वह 56 साल का हो चुका है।