Chandrayaan- 3: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने हाल ही में चंद्रमा के दक्षिणी सतह पर मिशन चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग कराने का ऐतिहासिक रिकॉर्ड अपने नाम किया था. वहीं अब चंद्रयान 3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) को स्लीप मोड से बाहर लाने की कोशिश की जा रही है. इसरो (ISRO) ने शुक्रवार (22 सितंबर) को बताया कि लैंडर और रोवर से सिग्नल नहीं मिल पाया है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए इसरो ने बताया कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ संचार स्थापित करने के कोशिश की गई हैं ताकि उनकी जागने की स्थिति का पता लगाया जा सके. फिलहाल उनकी ओर से कोई सिग्नल नहीं प्राप्त हो सका है. वहीं अंतरिक्ष संगठन ने कहा है कि संपर्क स्थापित करने के प्रयास जारी रहेंगे.
भारत ने दुनिया में रचा इतिहास
गौरतलब है कि, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी की इसरो ने 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराकर पूरे विश्व में भारत का झंडा उच्चा कर दिया था. इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ भारत चंद्रमा की सतह पर पहुंचने वाला चौथा देश बना. वहीं चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बना था.
चांद पर हो चुकी है सुबह
चंद्रयान-3 पर स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के निदेशक नीलेश देसाई ने बताया कि अब लैंडर और रोवर को शनिवार को एक्टिव करने की कोशिश की जाएगी. नीलेश देसाई ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा कि चांद पर सुबह हो चुकी है. पहले हमारी योजना थी कि 22 सितंबर शाम तक प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर को फिर से सक्रिय करें, लेकिन कुछ कारणों से ये नहीं हो पाया.
केंद्रीय विज्ञान मंत्री ने लोकसभा में दी थी जानकारी
केंद्रीय विज्ञान मंत्री ने लोकसभा में कहा कि, अब हम कल 23 सितंबर को फिर कोशिश करेंगे. इससे पहले गुरुवार को इसरो ने कहा था कि लैंडर और रोवर 16 दिनों से स्लीप मोड में हैं और दोनों को शुक्रवार को सक्रिय किया जाएगा. केंद्रीय विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी गुरुवार को लोकसभा में जानकारी दी थी कि जल्द ही प्रज्ञान और विक्रम नींद से जागने वाले हैं. First Updated : Friday, 22 September 2023