Nobel Prize 2023: इस सवाल की वजह से सीवी रमन को मिला था अवॉर्ड, जानिए नोबेल से जुड़ी दिलचस्प बातें

Nobel Prize 2023: आज गांधी जयंती के मौके पर नोबेल पुरस्कार दिया जा रहा है. इसकी घोषणा बीते 29 सितंबर को कर दी गई और साथ ही इसका शेड्यूल भी जारी कर दिया गया था....

Sagar Dwivedi
Edited By: Sagar Dwivedi

Nobel Prize 2023: 2 अक्टूबर गांधी जयंती के मौके पर नोबेल पुरस्कार दिया जा रहा है. इसकी घोषणा बीते 29 सितंबर को कर दी गई और साथ ही इसका शेड्यूल भी जारी कर दिया गया था. इस बीच यह चर्चा का विषय बना हुआ है और देश भर में इसकी खूब चर्चा हो रही है. लेकिन अब इसके जुड़े हुए कई सवाल भी खड़े हो रहें है. तो आइए नोबल पुरस्कार से जुड़ी हुई जानकारी. 

हमारे देश में कई ऐसे लेखक और कवि है जो कि इस पुरस्कार को अपनी छवि के बदौलत हासिल कर लिया है. पुरस्कार चिकित्सा, रसायन विज्ञान, साहित्य, शांति, अर्थशास्त्र और भौतिकी श्रेणी में दिया जाता है, दुनिया के सभी देशों की तरह भारत को भी इंतजार रहता है कि इन पुरस्कारों की सूची में उसका नाम होगा या नहीं.

नोबेल पुरस्कार का शेड्यूल जारी

आज गांधी जयंती के मौके पर दोपहर के करीब 3 बजे फिजियोलॉजी और मेडिसिन को नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. अगर हम आगे की बात करें तो 3 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 14 मिनट के करीब भौतिकी, 4 अक्टूबर दोपहर 3 बजकर 15 मिटन पर रसायन विज्ञान, 5 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 30 मिनट पर साहित्य, 6 अक्टूबर की दोपहर 2 बजकर 30 मिनट शांति और 9 अक्टूबर दोपहर 3:15 मिनट अर्थशास्त्र को सम्मानित किया जाएगा. यह पुरस्कार का सिलसिला करीब 7 दिन तक चलता रहेगा. 

अगर हम बात कि भारत को अब तक कितने नोबेल पुरस्कार मिल चुके है तो कई नोबेल पुरस्कार भारत को दिया जा चुका है. लेकिन पहली बार यह पुरस्कार जीतने वाले कारनामा की बात करें तो राष्ट्रगान के रचाइता रवींद्र नाथ टैगोर ने किया था. सन 1913 में उन्हे साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. 

रविंद्रनाथ टेगोर की रचनाओं को दुनिया भर लोगों ने पढ़ा औऱ उनकी प्रसंसा की थी. हालांकि भारत को विज्ञान का पहला नोबेल दिलाने का काम डॉ. सीवी रमन ने किया था, सन 1930 में भौतिक के क्षेत्र में  रमन प्रभाव की खोज के लिए नवाजा गया था. 

यह था वो सवाल

डॉ. सीवी रमन ने रमन प्रभाव की खोज की थी यह खोज उन्होंने समुद्र के क्षेत्र में की थी. उन्होंने ये पता किया था कि आखिर समुद्र नीली क्यों दिखाई देता है. सीवी रमन ने यह खोज लंदन से बॉम्बे तक वापसी यात्रा के दौरान की थी. उनकी यह खोज से पहले ये माना जाता था कि समुद्र का नीला रंग आकाश का प्रतिबिंब है. इस व्याख्या लॉर्ड रेले ने दी थी.

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02 October 2023, 08:19 PM IST

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