अब पाक और चीन बॉर्डर पर होगी 'प्रचंड' उड़ान, सरकार ने 156 स्वदेशी लड़ाकू हेलीकॉप्टर की खरीद को दी मंजूरी
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि यह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के लिए अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर होगा और हेलीकॉप्टरों का निर्माण कर्नाटक के बेंगलुरु और तुमकुर स्थित उनके प्लांट्स में किया जाएगा. 156 हेलिकॉप्टरों को भारतीय सेना (90) और भारतीय वायु सेना के बीच चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर तैनात किए जाएंगे और यह देश के भीतर रोजगार सृजन और एयरोस्पेस के विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम है. अक्टूबर 2022 में औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल किए जाने वाले प्रचंड हेलीकॉप्टरों को भारत की हवाई युद्ध क्षमताओं के लिए एक गेम-चेंजर के रूप में देखा जा रहा है.

ऐतिहासिक कदम उठाते हुए भारत ने भारतीय सेना और वायुसेना के लिए 156 मेड-इन-इंडिया लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) 'प्रचंड' की खरीद को मंजूरी देते हुए अपने अब तक के सबसे बड़े रक्षा खरीद सौदे को मंजूरी दे दी है. शुक्रवार को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने अपनी बैठक में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ 45,000 करोड़ रुपये के सौदे को मंजूरी दी.
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि यह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के लिए अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर होगा और हेलीकॉप्टरों का निर्माण कर्नाटक के बेंगलुरु और तुमकुर स्थित उनके प्लांट्स में किया जाएगा.
पाकिस्तान और चीन बॉर्डर पर होंगे तैनात
रिपोर्ट के अनुसार, 156 हेलिकॉप्टरों को भारतीय सेना (90) और भारतीय वायु सेना के बीच चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर तैनात किए जाएंगे और यह देश के भीतर रोजगार सृजन और एयरोस्पेस के विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम होगा. एचएएल को पिछले साल जून में 156 हेलीकॉप्टरों के लिए बिड मिली थी.
प्रचंड के नाम से भी जाना जाने वाला एलसीएच दुनिया का एकमात्र हमलावर हेलीकॉप्टर है जो 5,000 मीटर की ऊंचाई पर उतर सकता है और उड़ान भर सकता है, जो इसे पूर्वी लद्दाख में सियाचिन ग्लेशियर के उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र में संचालन के लिए आदर्श बनाता है. सरकार आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत मेक इन इंडिया के माध्यम से रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने पर लगातार जोर दे रही है.
स्वदेशी लड़ाकू हेलीकॉप्टरों के लिए सबसे बड़ा ऑर्डर
यह कॉन्ट्रैक्ट रक्षा प्रॉडक्शन क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता के लिए एक बड़ा बढ़ावा है, क्योंकि एचएएल को जून 2024 में एलसीएच का ऑर्डर मिला था. 156 हेलीकॉप्टरों में से 90 भारतीय सेना के साथ तैनात किए जाएंगे, जबकि 60 भारतीय वायु सेना में शामिल किए जाएंगे.
एलसीएच 'प्रचंड' की अत्याधुनिक विशेषताएं
ये एकमात्र हमलावर हेलीकॉप्टर हैं जो 5,000 से 16,400 फीट की ऊंचाई पर उतरने और उड़ान भरने में सक्षम हैं, जिससे ये हाई एल्टीट्यूट वाले एरिया में भी लड़ने में सक्षम. यह हवा से जमीन और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें लॉन्च करने की क्षमता
एचएएल की बढ़ती भूमिका
अक्टूबर 2022 में औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल किए जाने वाले प्रचंड हेलीकॉप्टरों को भारत की हवाई युद्ध क्षमताओं के लिए एक गेम-चेंजर के रूप में देखा जा रहा है. यह नवीनतम सौदा इस वित्तीय वर्ष में हस्ताक्षरित भारत के रिकॉर्ड ₹2.09 लाख करोड़ के रक्षा कॉन्ट्रैक्ट में शामिल हो गया है, जिससे स्वदेशी सैन्य उत्पादन को और मजबूती मिली है.