हिंसक हिंदू नहीं बल्कि वह...'अब हिंदू वाले विवाद पर कूद पड़ीं नूपुर शर्मा
Nupur Sharma's big statement: साल 2021 के बाद से राजनीति से दूर नूपुर शर्मा ने बड़ा बयान दिया है. हिंदुओं को हिंसक बताने वाले राहुल गांधी के संसद में दिए बयान पर बिना किसी का नाम लिए उन्होंने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि अगर हिंदू हिंसक होता तो एक हिंदू सनातनी बेटी को सुरक्षा घेरे में अपने ही देश में अपनी आजादी गंवा कर रहने की नौबत नहीं आती.
Nupur Sharma's big statement: बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने करीब दो साल बाद अपनी चुप्पी तोड़ी. शनिवार को नूपुर गाजियाबाद की रामप्रस्थ ग्रीन्स सोसाइटी में चल रही भागवत कथा में पहुंचीं. उन्होंने राहुल गांधी के हिंदू हिंसक वाले बयान पर उनका नाम लिए बगैर पलटवार किया. साथ ही सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए कई मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी.
नूपुर शर्मा ने आरोप लगाया कि इस देश में साजिशन सनातनियों को खत्म करने की एक साजिश हुई, जिसे उन्होंने महसूस किया है. आगे कहा कि जब ऊंचे पदों पर बैठे लोग ये कहते हैं कि हिंदू हिंसक हैं या जब कुछ अन्य लोग कहते हैं कि सनातनियों का सफाया कर दो, तो उस साजिश को समझना चाहिए. नूपुर शर्मा ने कहा कि अगर हिंदू हिंसक होता तो अपने ही देश में एक हिंदू बेटी को सुरक्षा घेरे में जिंदगी ना गुजारनी पड़ती.
देश अपने संविधान से चलेगा
उन्होंने कहा कि वो कुछ भी कहें तो वाह-वाह और अगर मैं कुछ कहूं तो सर तन से जुदा, ऐसा नहीं चलेगा. हमारा देश अपने संविधान से चलेगा, ना की किसी मजहबी या शरिया कानून के हिसाब से चलेगा. इस भागवत कथा के आयोजक और रामप्रस्था ग्रूप के चीफ जनरल मैनेजर श्री भाष्कर गांधी ने कहा कि कैंपस में दुर्गा मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के तहत पिछले चार दिनों से भागवत कथा चल रही है. इसी कार्यक्रम में हिस्सा लेने शुक्रवार को नुपूर शर्मा भी आईं थीं.
क्या था विवाद जान लें
आपको बता दें कि एक टीवी डिबेट में भाजपा प्रवक्ता रही नूपुर शर्मा के एक बयान से देश ही नहीं खाड़ी देशों तक बवाल मच गया था. यह साल 2021 की बात है. उस समय नूपुर शर्मा भाजपा की प्रवक्ता हुआ करती थीं. फिर भाजपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया. भाजपा का आरोप है कि अभी हाल ही में राहुल गांधी ने संसद में हिंदुओं को हिंसक बताया था. इसके साथ ही भगवान शिव के चित्र का प्रदर्शन भी किया था, जिस पर खुद प्रधानमंत्री मोदी तक को संसद में हस्तक्षेप करना पड़ा था.