OBC Reservation: OBC आरक्षण का होगा उपवर्गीकरण! रोहिणी आयोग ने राष्ट्रपति मुर्मु को सौंपी रिपोर्ट
OBC: ओबीसी वर्ग को अलग-अलग वर्गों में बांटने के लिए गठित की गई चार सदस्यीय जस्टिस जी रोहिणी ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंप दी है.
OBC Reservation: देश में अगले साल होने वाले आम चुनाव और इस साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण के उपवर्गीकरण के लिए गठित जस्टिस जी रोहिणी आयोग ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. जानकारी के मुताबिक, ओबीसी को अति पिछड़ा, ज्यादा पिछड़ा और पिछड़ा वर्ग में बांटने की सिफारिश की गई थी. बता दें कि अक्टूबर साल 2017 में इस आयोग का गठन किया गया था. रिपोर्ट सौंपने के लिए आयोग का छह साल का लंबा समय लगा है.
2015 में की थी सिफारिश
अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल जातियों में आरक्षण का समान लाभ पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने साल 2015 में आयोग से सिफारिश की थी. तब आयोग का कहना था कि ओबीसी वर्ग में शामिल जाति को अति पिछड़ा, ज्यादा पिछड़ा और पिछड़ा वर्ग में बांटा जाए. ताकि सभी को आरक्षण का समान लाभ मिल पाए.
केंद्र सरकार से उम्मीद
चार सदस्यीय जस्टिस जी रोहिणी की रिपोर्ट पेश होने के बाद अब ओबीसी वर्ग की निगाहें केंद्र सरकार पर टिकी है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मोदी सरकार चुनाव से पहले इस रिपोर्ट को स्वीकार करेंगी? दरअसल ओबीसी वर्ग कुछ ऐसी जाति है, जिन पर आरक्षण का सबसे ज्यादा लाभ लेने का आरोप है. इनमें यादव, जाट, गुर्जर, कुर्मी जैसी कुछ जाति शामिल है. बता दें कि यूपी में यादव को छोड़ दे तो अन्य जाति बीजेपी की समर्थक मानी जाती है. जबकि हरियाणा में यादव और गुर्जर को बीजेपी की समर्थक जाति मानी जाती है. अब अगर सरकार रिपोर्ट को स्वीकार करती है तो कुछ जातियां बीजेपी से नाराज हो सकती है.
हालांकि, देश में बिहार, आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु समेत नौ राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों में पहले से ही ओबीसी में शामिल जातियों का उपवर्गीकरण किया जा चुका है.