ओडिशा: बालासोर ट्रेन हादसे के तीन दिन बाद भी नहीं हुई 100 से ज्यादा शवों की शिनाख्त
ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में 288 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। इस हादसे में 100 से अधिक लोगों की शिनाख्त अभी तक नहीं हो पाई है। शवों की पहचान करने का काम जारी है। लोग अपनों की तालाश कर रहे है।
ओडिशा में दो जून को हुआ भीषण ट्रेन हादसा देश के लिए कभी न भूले जाने वाले हादसों में से एक है। इस हादसे के जख्म देश जल्दी नहीं भर पाएंगा। इस हादसे में 288 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। जबकि 100 से अधिक शव ऐसे है जिनकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। ट्रेन हादसे की जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने कहा कि दुर्घटना में मरने वालों में से 101 शवों की अभी पहचान की जानी बाकी है।
900 घायलों को किया गया डिस्चार्ज
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ईस्टर्न सेंट्रल रेलवे के डिवीजन रेलवे मैनेजर रिंकेश रॉय ने कहा कि ओडिशा के कई अस्पतालों में अभी भी करीब 200 लोगों का इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि ओडिशा रेल हादसे में लगभग 1,100 लोग घायल हुए थे। जिसमें से 900 लोगों को इलाज के अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। इसके अलावा ओडिशा के अस्पतालों में 200 से अधिक लोगों का इलाज जारी है। बता दें कि बालासोर ट्रेन हादसे में दो एक्सप्रेस ट्रेन और 1 मालगाड़ी शामिल थी। इस घटना ने पूरे देश को झकझोंर कर रख दिया था।
भुवनेश्वर नगर निगम के आयुक्त विजय अमृत कुलंगे ने एनआईए से बातचीत में कहा कि भुवनेश्वर अस्पताल में रखे गए 193 शवों में से 80 शवों की पहचान कर ली गई है। जिनमें से 55 शव परिजनों को सौंप दिए गए है। उन्होंने बताया कि बीएमसी के हेल्पलाइन नंबर पर 200 से ज्याद कॉल प्राप्त हुए है।
2 जून को हुआ था हादसा
ओडिशा के बालासोर में 2 जून को भीषण ट्रेन हादसा हुआ था। इस हादसे में शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस एक खड़ी मालगाड़ी की आपस में टक्कर हो गई थी। इस वजह से कई डिब्बे बगल वाले ट्रैक पर जा गिरे। इस हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटनास्थल का दौरा कर हालात का जायजा लिया था।