देश में 2 जून को ओडिशा के बालासोर में भीषण ट्रेन दुर्घटना घटित हुई थी। भारत में अबतक का सबसे बड़ा हादसा था जिसने पूरे देश के हिला कर रखा दिया। इस दौरान तीन ट्रेनों के आपस में टकराने से 288 लोगों की मृत्यु हो गई। वहीं हादसे में कई लोग घायल हुए, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस हादसे के बाद रेलवे ने बड़ा फैसला किया है।
रेलवे बोर्ड ने सभी सिग्नलिंग संपत्तियों को डबल लॉकिंग सिस्टम को लागू करने का आदेश दिया है। साथ ही रेलवे बोर्ड ने ट्रेन की आवाजाही को एक बार फिर शुरू करने के लिए प्रोटोकॉल को मजबूत करने का निर्देश दिया है।
बालासोर ट्रेन हादसे के बाद रेलवे की सुरक्षा पर कई लोगों ने सवाल खड़े किए थे। जिसके बाद शनिवार 10 जून को अपनी सुरक्षा व्यवस्था हो पहले से और मजबूत करने के लिए रेलवे बोर्ड ने ट्रेन नियंत्रण तंत्र, रिले हट हाउसिंग व दूरसंचार के साथ सभी रिले कक्ष में डबल लॉकिंग व्यवस्था को लागू करने का आदेश दिया।
आपको बता दें कि अनुमान है कि बालासोर ट्रेन हादसे में रिले रूम तक पहुंचने की वजह से सिग्नलिंग व्यवस्था में हस्तक्षेप हुआ था। जिससे बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन पर चली गई थी। वहीं लूप लाइन पर पहले से मालगाड़ी खड़ी हुई थी और दोनों ट्रेन के टक्कर होने से ये हादसा हुआ।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रेलवे बोर्ड ने अपने बयान में कहा है कि स्टेशन यार्ड में लेवल क्रॉसिंग गेट (गुमटी/केबिन), सिग्नलिंग कक्ष और दूरसंचार उपकरण को रिले हट के रूप में माना जाना चाहिए। साथ ही जब तक डबल-लॉक व्यवस्था प्रदान नहीं की जाती है, तब तक वर्तमान सिंगल लॉक की चाबी स्टेशन मास्टर के पास रहेगी। इसके अलावा स्टेशन रिले रूम की तरह ही स्टेशन मास्टर की ओर से चाबी जारी करने और जमा करने के संबंध में प्रासंगिक प्रविष्टियां रखी जानी चाहिए। First Updated : Sunday, 11 June 2023