Odisha Train Accident: ट्रैक पर मरम्मत का काम लगातार जारी, घटनास्थल पर रातभर मौजूद रहे रेल मंत्री

ओडिशा के बालासोर ट्रेन दुर्घटनास्थल पर 100 से अधिक लोगों द्वारा ट्रैक को ठीक करने का कार्य लगातार जारी है। दक्षिण पूर्व रेलवे CPRO आदित्य कुमार चौधरी ने बताया कि जितनी भी बोगी पलटीं थीं उनको ट्रैक से हटा दिया है।

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ओडिशा के बालासोर ट्रेन दुर्घटनास्थल पर 100 से अधिक लोगों द्वारा ट्रैक को ठीक करने का कार्य लगातार जारी है। दक्षिण पूर्व रेलवे CPRO (मुख्य जनसंपर्क अधिकारी) आदित्य कुमार चौधरी ने बताया कि जितनी भी बोगी पलटीं थीं उनको ट्रैक से हटा दिया है। मालगाड़ी की 3 बोगियों में से 2 बोगियों को हटा दिया गया है और तीसरी बोगी को भी हटाने का कार्य चालू है।

ट्रैक को भी थोड़ी देर में साफ कर दिया जाएगा। अभी OHE (ओवर हेड उपकरण) का काम किया जा रहा है और दूसरी ओर से ट्रैक लिंकिंग का कार्य भी जारी है। हम जल्द से जल्द कार्य खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं। यहां 4-5 डिविजन और 2-3 जोन की टीम कार्य कर रही है। यहां पर रेलवे के सारे आला-अधिकारी मौजूद हैं।

बता दें कि केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बालासोर ट्रेन हादसे वाली जगह पर चल रहे मरम्मत कार्य का रात भर जायजा लिया। वहीं, बालासोर में पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार यात्री एक स्पेशल ट्रेन से चेन्नई रेलवे स्टेशन पहुंचे। वहां पर यात्रियों की सहायता के लिए पुलिस, TDRF (लक्ष्य आपदा प्रतिक्रिया बल) और कमांडो तैनात हैं।

वहीं स्टेशन के बाहर एंबुलेंस, टैक्सी और बसें भी मौजूद हैं। DCP (पुलिस उपायुक्त) प्रतीक सिंह ने बताया कि अभी शवों की तस्वीर लेकर एक डेटाबेस तैयार किया जा रहा है, जिससे हेल्प डेस्क पर तस्वीर देखकर शवों के परिजन या परिचित यह पता लगा सकें कि उनको किस अस्पताल में जाना है। वहीं कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार NDRF (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) के एक जवान शायद पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने शुरुआती बचाव कार्य में शामिल होने से पहले बालासोर में हुए ट्रेन हादसे के बारे में आपातकालीन सेवाओं को सचेत किया था।

NDRF के जवान वेंकटेश एन. के. छुट्टी पर थे और पश्चिम बंगाल के हावड़ा से तमिलनाडु के लिए यात्रा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वह बाल-बाल बच गए, क्योंकि जिस डिब्बे (बी-7) में वेंकटेश सवार थे, वह डिब्बा भी पटरी से उतर गया था। लेकिन वह आगे वाले डिब्बों से नहीं टकराया। बता दें कि कोलकाता में NDRF की दूसरी बटालियन के साथ तैनात वेंकटेश ने सबसे पहले बटालियन में अपने वरिष्ठ अधिकारी को फोन करके हादसे की सूचना दी।

उन्होंने उसके बाद व्हाट्सएप पर घटनास्थल की ‘लाइव लोकेशन’ NDRF नियंत्रण कक्ष को भेजी और इसका उपयोग बचाव दल की पहली बटालियन ने घटनास्थल पर पहुंचने के लिए किया। शुक्रवार की शाम लगभग सात बजे बालासोर जिले में शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकराने से यह दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें करीब 288 लोगों की मौत हो गई है और 1,100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। First Updated : Sunday, 04 June 2023