Budget 2024 : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्माला सीतारमण 1 जनवरी को आम बजट पेश करेंगी. निर्मला सीतारमण का यह छठवां बजट होगा. अबकी बार देश में अंतरिम बजट पेश किया जाएगा. जिस साल देश में आम चुनाव होते हैं उस साल अंतरिम बजट पेश किया जाता है. बजट की कॉपी सैकड़ों पेज की होती है. इसको बनाने में काफी समय लगता है. ऐसे में आपके दिमाग में यह सवाल आ रहा होगा कि क्या आखिर कितने दिनों की कड़ी मेहनत के बाद यह तैयार होता है और कितने लोगों को टीम मिलकर बजट बनाती होगी. आज हम आपको इन्हीं सवालों से जुड़े जवाब देंगे. साथ ही बताएंगे कि बजट बनाने वाले टीम में शामिल अधिकारी एक बिल्डिंग में कुछ दिनों के लिए कैद हो जाते हैं. इनका अपने घर वालों से संपर्क तक नहीं हो पाता.
देश का बजट बनकर तैयार हो चुका है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को इसे संसद में पेश करेंगी. अब सवाल यह है कि देश का बजट बनता कैसे है तो वैसे ही बनता है, जैसे आप अपने घर का बजट बनाते हैं. कितने रुपये किस काम के लिए खर्च करने हैं और बचे पैसों का क्या करना है. इसी तरह सरकार देश का बजट बनाती है. सैकड़ों अधिकारियों की टीम मिलकर आम बजट तैयार करती है. बजट बनाने की प्रक्रिया में सहभागिता बढ़ाने के लिए वित्त मंत्रालय उद्योग संगठनों और तमाम सेक्टर्स से सुझाव मांगता है. फिर बजट को अंतिम रूप दिया जाता है. बजट को अंतिम रूप देने के लिए अधिकारी करीब 10 दिन के लिए कैद हो जाते हैं.
देश का बजट बेहद गोपनीय दस्तावेज होता है. इसकी गोपनीयता बरकरार रखने बहुत जरूरी होता है. इसके अलावा इसको अंतिम रूप देश के लिए युद्ध स्तर पर काम करना होता है. इन बातों को देखते हुए बजट बनाने वाली टीम में शामिल अधिकारी और कर्मचारी अपने घर या फिर पूरी दुनिया से 10 दिनों तक कटे रहते हैं. इस दौरान उनका घर वालों से संपर्क कट जाता है. इस काम के दौरान मोबाइल फोन आदि का इस्तेमाल पूरी तरह से वर्जित होता है. मतलब कि बजट तैयार करने वाले अधिकारी 10 दिन तक बिल्डिंग में कैद रहते हैं. बजट तैयार होने के दौरान Finance Minister के बेहद वरिष्ठ और भरोसेमंद अधिकारियों को ही घर जाने की इजाजत दी जाती है.
देश का आम बजट जब तक संसद में पेश नहीं हो जाता, तब तक इसे तैयार करने की प्रक्रिया से जुड़े लोगों की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रहती है. किसी आदमी को वित्त मंत्रालय में प्रवेश नहीं दिया जाता. बजट के दस्तावेज को तैयार करने वाली टीम के साथ ही इसकी छपाई से जुड़े अधिकारी और कर्मचारियों को भी बाहर आने या फिर अपने सहयोगियों से मिलने की अनुमति नहीं होती है.
बजट बनने के दौरान वित्त मंत्रालय में 10 दिनों के लिए डॉक्टरों की एक टीम सभी जरूरी सुविधाओं के साथ तैनात रहती है. ताकि किसी भी कर्मचारी के बीमार पड़ने पर उसे वहीं पर मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें.
बजट तैयार होने के दौरान आखिरी के 10 दिनों में अधिकारियों के इंटरनेट और मोबाइल के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी जाती है. जिन कंप्यूटरों पर बजट डॉक्यूमेंट होता है, उनसे इंटरनेट और एनआईसी के सर्वर को डिलिंक कर दिया जाता है. इससे हैकिंग का खतरा समाप्त हो जाता है. कंप्यूटरों को केवल प्रिंटर और छपाई मशीन से कनेक्ट रखा जाता है. वित्त मंत्रालय के प्रिंटिंग प्रेस में केवल चुनिंदा सीनियर अधिकारियों को ही जाने की अनुमति दी जाती है.
देस का बजट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू होने से लेकर संसद में इसके पेश होने तक वित्त मंत्रालय में खुफिया विभाग से लेकर के साइबर सिक्योरिटी सेल सबका पहरा होता है. इन दिनों में मंत्रालय के अंदर कोई भी मोबाइल नेटवर्क (Mobile Ministry) काम नहीं करता है. केवल लैंडलाइन फोन के जरिए ही बातचीत हो पाती है.
बजट डिवीजन पर तैयार करने की जिम्मेदारी वित्त मंत्रालय के बजट डिवीजन पर बजट को तैयार करने की जिम्मेदारी होती है. यह डिवीजन सभी मंत्रालयों, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, स्वायत्त निकायों, विभागों और रक्षा बलों से अगले साल के लिए अपने खर्च के अनुमान बताने के लिए कहता है. इसके बाद फिर वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के बीच तमाम मांगों औरल अनुमानों पर चर्चा होती है फिर बजट तैयार होता है. First Updated : Tuesday, 30 January 2024