उमर अब्दुल्ला ने केजरीवाल को असमंजस में डाला, पूछा- तब कहां थे जब हमारा डेमोक्रेटिक मर्डर हुआ?
Omar Abdullah on Arvind Kejriwal: केंद्र सरकार के ज़रिए पेश किए गए दिल्ली में पोस्टिंग और ट्रांसफर के अधिकार LG को वापस देने वाले अध्यदेश के खिलाफ केजरीवाल विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं लेकिन इस बीच उमर अब्दुल्ला ने ऐसा बयान दे दिया है जो उनकी नींद उड़ा सकता है. पढ़िए पूरी खबर
हाइलाइट
- केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष को इकट्ठा कर रहे केजरीवाल को उमर अब्दुल्ला ने बड़ा झटका दिया
- उमर अब्दुल्ला ने केजरीवाल से पूछा कि आखिर आप लोग तब कहां थे जब धारा 370 हटाई जा रही थी?
Omar Abdullah on Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केंद्र के अध्यादेश को लेकर विपक्ष को एकजुट करने में लगे हुए हैं. एक तरफ जहां केजरीवाल ने ममता बनर्जी, नीतीश कमार, तमलिनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, तेलंगाना मुख्यमंत्री केसीआर, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात करली है. वहीं दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि अब केजरीवाल समर्थन मांग रहे हैं लेकिन वो तब कहां थे जब धारा 370 हटाई जा रही थी.
2019 में हमारे साथ कौन खड़ा था?
#WATCH | Rajouri, J&K: Where was Arvind Kejriwal when Article 370 was scrapped? He supported the govt that time and today he is asking for support from other parties: NC Leader & former J&K CM Omar Abdullah on Delhi CM Arvind Kejriwal pic.twitter.com/B6oNlA7zV4
— ANI (@ANI) June 10, 2023
"4 पार्टियों ने दिया हमारा साथ"
नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्लाह के बेटे उमर ने आगे कहा,"ये लोग जो आज शोर कर रहे हैं और कह रहे हैं कि संविधान को बचाओ डेमोक्रेसी को बचाओ, ये तब कहां थे? हमारा वहां पर डेमोक्रेटिक मर्डर हुआ और इन्होंने चूं तक नहीं किया, बल्कि इन्होंने तो साथ दिया. कुल मिलाकर 3-4 पार्टियां हैं जिन्होंने हमेशा हमारा साथ दिया है. एक डीएमके, एक ममता बनर्जी की टीएमसी, लेफ्ट की दो पार्टियां. इन चार पार्टियों को छोड़कर मुझे 5वां कोई दिखाइए जिन्होंने कभी भी पूरी तरह से हमारा साथ दिया हो."
क्या है केंद्र का दिल्ली सरकार के खिलाफ अध्यादेश?
बता दें कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया था जिसमें उसने दिल्ली सरकार को दिल्ली का बॉस कहा था. साथ ही दिल्ली के अंदर अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग का हक भी दिल्ली सरकार दो दिया था लेकिन केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने वाला अध्यादेश जारी कर दिया है. इस अध्यादेश के तहत किसी भी ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़ा आखिरी फैसला उपराज्यपाल को वापस दे दिया गया है.
केजरीवाल का साथ देंगी विपक्षी पार्टियां:
अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सभी विपक्षी पार्टियों से मिल रहे हैं और उनसे अपील कर रहे हैं कि जब यह अध्यादेश राज्यसभा में आए तो उनके सदस्य इसके खिलाफ वोटिंग करें. कहा जा रहा है कि ज्यादातर विपक्षी पार्टियों ने केजरीवाल का समर्थन देने पर सहमति जाहिर कर दी है. हालांकि मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस का रुख अभी साफ नहीं हुआ है.