अफजल गुरु की फांसी पर उमर अब्दुल्ला का सनसनीखेज बयान, क्या जम्मू-कश्मीर सरकार का था कोई हाथ?
उमर अब्दुल्ला ने अफजल गुरु की फांसी को लेकर कहा कि इससे कोई उद्देश्य पूरा नहीं हुआ और जम्मू-कश्मीर सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं थी. इसके साथ ही उन्होंने मृत्युदंड के खिलाफ अपनी स्थिति भी व्यक्त की. भाजपा ने इस बयान की आलोचना की है, जबकि कांग्रेस ने इस पर चुप्पी साध ली है. यह बयान जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से पहले आया है.
Umar Abdullah Controversial Statement: नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में अफजल गुरु की फांसी को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया है. उनका कहना है कि 2001 के संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी देने से कोई खास उद्देश्य पूरा नहीं हुआ. उमर अब्दुल्ला ने यह भी स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर सरकार की इस मामले में कोई भूमिका नहीं थी. बता दें कि अफजल गुरु 2001 के संसद हमले का दोषी था जिसमें नौ लोगों की मौत हुई थी. उसे आतंकवादी गतिविधियों और भारतीय संसद पर हमले के आरोप में फांसी दी गई थी.
मृत्युदंड और अदालतों पर भरोसा नहीं: अब्दुल्ला
उमर अब्दुल्ला ने अफजल गुरु की फांसी पर कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार का इसमें कोई हाथ नहीं था. उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर राज्य सरकार की अनुमति की आवश्यकता होती तो वह इस प्रक्रिया को मंजूरी कभी नहीं देती. अब्दुल्ला ने यह भी बताया कि वह मृत्युदंड के खिलाफ हैं और अदालतों की निर्णय क्षमता पर भरोसा नहीं करते क्योंकि कई बार साक्ष्य गलत साबित हुए हैं. उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि मृत्युदंड से न्याय की प्रक्रिया में कोई सुधार नहीं होता और अदालतों द्वारा दिए गए निर्णय हमेशा सही नहीं होते.
"I don't believe any purpose was served by executing him" Omar Abdullah on the hanging of Afzal Guru#ANIPodcast #SmitaPrakash #OmarAbdullah #AfzalGuru #Kashmir
— ANI (@ANI) September 6, 2024
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कांग्रेस ने किया अब्दुल्लाह से दरकिनार
भाजपा ने उमर अब्दुल्ला के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. भाजपा नेता साजिद यूसुफ ने कहा कि अफजल गुरु को फांसी देना जम्मू-कश्मीर के लोगों को न्याय दिलाने की दिशा में एक आवश्यक कदम था. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने अब्दुल्ला की टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया है. कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि यह चुनावी समय है और इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.
अफजल का भाई लड़ेगा चुनाव
उमर अब्दुल्ला का यह बयान जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के संदर्भ में आया है. यह चुनाव अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद का पहला विधानसभा चुनाव है जो तीन चरणों में 18 सितंबर से शुरू होगा और मतगणना 8 अक्टूबर को होगी. इस बीच अफजल गुरु के भाई एजाज अहमद गुरु ने भी विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है.