Independence Day: स्वतंत्रता दिवस पर राहुल गांधी ने 'भारत माता' के नाम लिखा संदेश, एक्स पर किया शेयर
Independence Day 2023: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राहुल गांधी ने 'भारत माता' और देशवासियों के नाम एक लंबा लिखा है, जिसे उन्होंने एक्स पर शेयर किया.
77th Independence Day: स्वतंत्रता दिवस की 77वीं वर्षगांठ के मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 'भारत माता' और देशवासियों के नाम चार पन्नों का एक लंबा संदेश लिखा है. जिसके उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया है. इस संदेश में राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ों यात्रा के बारे में बताते हुए देश की जगह, लोगों और अपने अनुभवों को साझा किया है.
राहुल गांधी ने लिखा, 'पिछले साल मैंने 154 दिन उस ज़मीन पर घूमते हुए बिताए जिसे मैं अपना घर कहता हूँ. मैंने समुद्र के किनारे से शुरुआत की और गर्मी, धूल और बारिश के जंगलों, कस्बों और पहाड़ियों से होते हुए तब तक चलता रहा जब तक मैं अपने प्यारे कश्मीर की नरम बर्फ़ तक नहीं पहुँच गया.' रास्ते में कई लोगों ने मुझसे पूछा.. आप ऐसा क्यों कर रहे हैं?
राहुल गांधी ने आगे लिखा, 'मैं उस चीज़ को समझना चाहता था जो मुझे पसंद है. आखिर वो चीज़ क्या है जिसके लिए मैं सालों साल दर्द झेलता रहा और गालियां भी सुनता रहा. जिस चीज़ के लिए मैं अपनी जान समेत सब कुछ छोड़ने को तैयार हूं. मैं जानना चाहता था कि इस देश में ऐसा क्या है जिसे मैं इतना चाहता हूं, क्या वो यहां की ज़मीन है, पहाड़ है, समंदर है या फिर यहां के लोग, यहां के विचार?”
Bharat Mata is the voice of every Indian 🇮🇳 pic.twitter.com/7w1l7VJaEL
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 14, 2023
राहुल गांधी ने लिखा, "सालों से मैं आठ से दस किलो मीटर रोज़ दौड़ता था तो मुझे लगा 25 किलोमीटर तो मैं चल लूंगा, ये आसान होगा. कुछ ही दिनों में मेरे घुटने की पुरानी चोट का दर्द उभर गया, जो दर्द गायब हो गया था वापस आ गया. कुछ दिनों तक चलने के बाद, मेरे फिजियो हमारे साथ यात्रा में शामिल हो गए, मुझे उचित सलाह दी लेकिन दर्द बना रहा. और फिर मैंने कुछ नोटिस करना शुरू किया. हर बार जब मैं रुकने के बारे में सोचता, हर बार जब मैं हार मानने के बारे में सोचता, कोई आता और मुझे आगे बढ़ने की ऊर्जा दे जाता.''
राहुल गांधी ने लिखा, “मुझसे एक किसान मिला जो अपने सड़ चुके कपास के दो पौधे लेकर आया था, उसके हाथों में सालों का दर्द दिख रहा था. मैं वो दर्द देख पा रहा था जो उसके भीतर उसके बच्चों के लिए था. उसने बताया कि उसने अपने पिता को आंखों के सामने मरते देखा. उसने मुझे बताया कि उसने खुद को कितना बेइज्जत महसूस किया जब वो अपनी पत्नी को पैसे नहीं दे पाया.”
राहुल गांधी ने कहा, “भारत को सुनने के लिए मुझे अपनी आवाज़, अपनी इच्छा और अपनी महत्वकांक्षा को शांत करना था. भारत अपनी बात खुद करेगा लेकिन उसे सुनने के लिए आपको खुद को पूरी तरह शांत करना होगा.”