रामनवमी के दिन अयोध्या में रामलला के मस्तक पर दिखेगा सूर्य तिलक, 4 मिनट तक पड़ेंगी किरणें
Ram Lalla Surya Tilak: रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे प्रभु श्री राम का जन्म होगा उसी के बाद उनके माथे पर सूर्य की किरण पड़ेगी. भगवान राम का यह सूर्य अभिषेक विज्ञान के फॉर्मूले के तहत किया जाएगा.
Ram Lalla Surya Tilak: रामनवमी के शुभवसर पर कल यानि बुधवार को अयोध्या में विशाल राममंदिर में श्री रामलाला का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. ऐसे में यह शुभ दिन हर राम भक्तों के लिए बेहद खास रहने वाला है. इस दौरान प्रभु श्री राम के जन्मोत्सव के अवसर पर उनके सूर्य तिलक अभिषेक के लिए जोरशोर से तैयारियां चल रही हैं.
बता दें, कि रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे प्रभु श्री राम का जन्म होगा उसके बाद उनके माथे पर सूर्य की किरण पड़ेगी. भगवान राम का यह सूर्य अभिषेक विज्ञान के फॉर्मूले के तहत किया जाएगा. वैज्ञानिकों ने इस पर रिसर्च किया था और इसका बीते दिनों ट्रायल भी किया गया जो सफल रहा था.
इस तरह होगी सूर्य तिलक की प्रक्रिया
रामनवमी के शुभवसर पर सूर्य की रोशनी मंदिर के तीसरे तल पर लगे पहले तर्पण (शीशा) पर पड़ेगी. यहां से परावर्तित (रिफ्लेक्ट) होकर पीतल की पाइप में प्रवेश करेगी. पीतल के पाइप में लगे दूसरे दर्पण में टकराकर 90 डिग्री पर दुबारा परावर्तित हो जाएंगी. फिर पीतल की पाइप से जाते हुए यह किरण तीन अलग-अलग लेंस से होकर गुजरेगी और लंबे पाइप के गर्भ गृह वाले सिरे पर लगे शिशे से टकराएंगीं. गर्भगृह में लगे शिशे से टकराने के बाद किरणें सीधे रामलला के मस्तिष्क पर 75 मिलीमीटर का गोलाकार तिलक लगाएंगी और निरंतर 4 मिनट तक प्रकाश मान रहेगी.
अयोध्या में पहली बार दिखेगा अध्यात्म और विज्ञान संगम
अयोध्या में पहली बार अध्यात्म और विज्ञान संगम का संगम दिखाई देगा. बता दें, कि श्रीराम मंदिर में प्रकाश परावर्तन नियम के जरिए सूर्य अभिषेक का मॉडल श्रीराम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी के साइंस के छात्रों और प्रोफेसर ने मिलकर तैयार किया है. इस मॉडल में सूर्य की जगह बल्ब का इस्तेमाल कर ऊर्जा को अलग-अलग लेंस के जरिए प्रकाश को परावर्तित कर सूर्य अभिषेक किया गया. इस मॉडल में केवल इतना फर्क है कि इसमें पाइप का इस्तेमाल नहीं किया गया है और सूर्य की जगह बल्ब का प्रयोग किया गया है.