600 वकीलों के खत पर PM बोले- दूसरों को डराना-धमकाना कांग्रेस की पुरानी संस्कृति
साल 2024 के लोकसभा चुनाव को होने में अब कुछ ही समय बचा हुआ है और देश में राजनीतिक सियासी पारा पूरी तरह से गरमाया हुआ है
Narendra Modi: साल 2024 के लोकसभा चुनाव को होने में अब कुछ ही समय बचा हुआ है और देश में राजनीतिक सियासी पारा पूरी तरह से गरमाया हुआ है. उम्मीदवारों के नामों का ऐलान को लेकर नामांकन का दौर जारी है. वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे सहित देशभर के 600 वकीलों ने CJI डीवाई चंद्रचूड़ को चिट्ठी लिखकर न्यायालय और जजों का समर्थन किया है. वहीं, उन्होंने न्यायपालिका पर सवाल उठाने को लेकर भी चिंता जाहिर की है। वकीलों ने इस बात पर चिंता जाहिर की है कि देश में एक 'विशेष ग्रुप' न्यायपालिका को कमजोर करने की कोशिश कर रही है.
वहीं वकीलों द्वारा सीजेआई को पत्र लिखे पर पीएम मोदी ने कहा कि दूसरों को डराना-धमकाना कांग्रेस की पुरानी संस्कृति है. 5 दशक पहले ही उन्होंने "प्रतिबद्ध न्यायपालिका" का आह्वान किया था - वे बेशर्मी से अपने स्वार्थों के लिए दूसरों से प्रतिबद्धता चाहते हैं लेकिन राष्ट्र के प्रति किसी भी प्रतिबद्धता से बचते हैं. कोई आश्चर्य नहीं कि 140 करोड़ भारतीय उन्हें अस्वीकार कर रहे हैं.
To browbeat and bully others is vintage Congress culture.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 28, 2024
5 decades ago itself they had called for a "committed judiciary" - they shamelessly want commitment from others for their selfish interests but desist from any commitment towards the nation.
No wonder 140 crore Indians… https://t.co/dgLjuYONHH
CJI को लिखे अपने पत्र में वकीलों ने कहा कि कानून को बनाए रखने के लिए काम करने वाले लोगों के रुप में हम सोचते हैं कि हमारी अदालतों के लिए खड़े होने का वक्त लगता है. हम एक साथ आने और उपस्थित समय में न्यायालय पर किए जा रहे हमलों के खिलाफ बोलने की जरूरत है। वकीलों ने चिंता जाहिर की कि 'विशेष ग्रुप' अदालतों की कार्यवाही में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं.
वहीं पीएम मोदी के बयान के बाद कांग्रेस की प्रतिक्रिया सामने आई है जिसमें जयराम रमेश ने पलटवार करते हुए लिखा न्यायपालिका की रक्षा के नाम पर, न्यायपालिका पर हमले की साजिश रचने और समन्वय करने में प्रधानमंत्री की बेशर्मी पाखंड की पराकाष्ठा है! हाल के सप्ताहों में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कई झटके दिए हैं. चुनावी बांड योजना तो इसका एक उदाहरण है. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें असंवैधानिक घोषित कर दिया - और अब यह बिना किसी संदेह के साबित हो गया है कि वे कंपनियों को भाजपा को दान देने के लिए मजबूर करने के लिए भय, ब्लैकमेल और धमकी का एक ज़बरदस्त साधन थे.
The PM's brazenness in orchestrating and coordinating an attack on the judiciary, in the name of defending the judiciary, is the height of hypocrisy!
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) March 28, 2024
The Supreme Court has delivered body blows to him in recent weeks. The Electoral Bonds Scheme is but one example. The Supreme… https://t.co/R00ZRdWa7S
आगे उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री ने एमएसपी को कानूनी गारंटी देने के बजाय भ्रष्टाचार को कानूनी गारंटी दी है. पिछले दस वर्षों में प्रधानमंत्री ने जो कुछ भी किया है वह बांटना, विकृत करना, ध्यान भटकाना और बदनाम करना है. 140 करोड़ भारतीय उन्हें जल्द ही करारा जवाब देने का इंतजार कर रहे हैं.