एक दिन इतिहास मेरे साथ इंसाफ करेगा...,मनमोहन सिंह की वो आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस जब दिए कड़े सवालों के जवाब
डॉ.मनमोहन सिंह बेशक बहुत कम बोलते थे लेकिन वह समय-समय पर मीडियो से जरुर मुखातिब होते थे। प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया भी उनसे खुलकर सवाल पूछती थी. मनमोहन सिंह ने बतौर प्रधानमंत्री आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस 3 जनवरी 2014 को की. इसके बाद आम चुनाव हुए और देश में सत्ता परिवर्तन हो गया.
देश के 10 साल तक प्रधानमंत्री रहे सीनियर कांग्रेस नेता नेता डॉ. मनमोहन सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे.पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने गुरुवार देर रात दुनिया को अलविदा कह दिया. प्रधानमंत्री के तौर पर उन्होंने 3 जनवरी 2014 को अपनी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. जब मनमोहन सिंह से पूछा गया था कि आप पर आरोप लग रहा है कि आप अपने मंत्रियों पर लगाम लगाने में असमर्थ रहे. आप परिस्थितियों को हाथ से बाहर जाने दिया. आप पॉलिटिकली फेल हो गए और भ्रष्टाचार के मामलों पर कार्रवाई करने की बजाए दूसरे लोगों को इसे रोकने के लिए कहते रहे. इसका जवाब देते हुए डॉ. सिंह ने मुस्कुराते हुए कहा था, 'मैं ईमानदारी से मानता हूं कि इतिहास मेरे प्रति समकालीन मीडिया या संसद में विपक्षी दलों की तुलना में अधिक दयालु होगा.'
मनमोहन सिंह ने कहा, 'मैं उन सभी चीजों का खुलासा नहीं कर सकता, जो सरकार की कैबिनेट में तय होती है. मुझे लगता है कि परिस्थितियों और गठबंधन राजनीति की मजबूरियों को ध्यान में रखते हुए, मैंने सबसे अच्छा किया है, जो मैं इन परिस्थितियों में कर सकता था.'
किसी भारतीय प्रधानमंत्री की आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस
ये प्रेस कॉन्फ्रेंस किसी भारतीय प्रधानमंत्री की आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस थी. इस दौरान उनके सामने 100 से ज्यादा पत्रकार-संपादक बैठे थे. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मनमोहन सिंह ने 50 से ज्यादा सवालों के जवाब दिए थे. 21वीं सदी की भारतीय राजनीति में ये प्रेस कॉन्फ्रेंस सबसे अलग थी. इस दौरान उन्होंने कहा कि- ''मैंने परिस्थितियों के अनुसार जितना कर सकता था, किया है. यह इतिहास को तय करना है कि मैंने क्या किया है और क्या नहीं किया है। मैं नहीं मानता कि मैं एक कमजोर प्रधानमंत्री रहा हूं. राजनीतिक मजबूरियों को देखते हुए, मैंने वह सर्वश्रेष्ठ किया है जो मैं कर सकता था."
मैं ऐसा प्रधानमंत्री हूं जो मीडिया के सवालों से
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कई मौकों पर खुद कहा करते थे कि वह सवालों से नहीं बचते. प्रधानमंत्री पद से हटने के कई साल बाद 2018 में मनमोहन सिंह ने कहा भी था, 'मैं निश्चित रूप से ऐसा प्रधानमंत्री नहीं था जो प्रेस से बात करने से डरता हो. उन्होंने आगे कहा था कि लोग कहते हैं कि मैं एक मौन प्रधानमंत्री था, लेकिन मुझे उम्मीद है कि ये दौर खासकर वे दो दौर जो प्रधानमंत्री के रूप में मेरे भाषणों से संबंधित हैं, खुद ही अपनी बात कहेंगे. मैं नियमित रूप से प्रेस से मिलता था और जब भी मैं विदेश यात्रा पर जाता था तो विमान में या विमान से उतरने के तुरंत बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करता था.'
92 की उम्र में निधन
92 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री ने आज अंतिम सांस ली. वह कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे. एम्स ने एक बयान में कहा कि डॉ. सिंह का उम्र संबंधी बीमारियों के चलते इलाज चल रहा था. आज वह घर में बेहोश हो गए. उन्हें एम्स में रात आठ बजकर छह मिनट पर मेडिकल इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था. तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका और रात नौ बजकर 51 मिनट पर उनके निधन की घोषणा कर दी गई.