One Nation One Election Committee Meeting With D Raja: एक राष्ट्र एक चुनाव' पर उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) ने राजनीतिक दलों के साथ परामर्श के तहत बुधवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा के साथ व्यक्तिगत बातचीत की. बैठक में अध्यक्ष रामनाथ कोविंद और समिति के अन्य सदस्य गुलाम नबी आजाद, एनके सिंह और संजय कोठारी शामिल थे. डी राजा ने समिति के समक्ष मौखिक और लिखित रूप से अपना विचार रखा. मंगलवार को समिति ने देश में एक साथ चुनाव कराने पर तीन राजनीतिक दलों, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की थी.
इससे पहले, 27 जनवरी को रामनाथ कोविंद ने भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति यूयू ललित, मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीब बनर्जी और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा के साथ परामर्श किया था, जिन्होंने इस विषय पर अपना राय और विचार दिया था.
राजनीतिक दलों के साथ अपनी चर्चा जारी रखते हुए, रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, गोवा के अध्यक्ष दीपक 'पांडुरंग' धवलीकर के साथ भी बातचीत की. पार्टी ने अन्य बातों के साथ-साथ एक राष्ट्र, एक चुनाव की अवधारणा को अपना मजबूत समर्थन देने की पेशकश की है, क्योंकि इससे जमीनी स्तर पर लोकतंत्र मजबूत होगा. हाल ही में, समिति ने लोक जनशक्ति पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात की थी, जिसमें केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) के अध्यक्ष, प्रिंस राज के साथ कई अन्य लोग भी शामिल थे.
समिति ने मशहूर न्यायविदों, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दिलीप भोसले और दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन के साथ भी परामर्श किया था, जिन्होंने इस विषय पर अपनी विचारशील राय दी थी. वित्तीय और आर्थिक विशेषज्ञों के साथ चर्चा शुरू करते हुए, राम नाथ कोविंद ने एसोचैम के अध्यक्ष और स्पाइसजेट एयरलाइंस के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजय सिंह के साथ भी बातचीत की, जिनके साथ एसोचैम के महासचिव और सहायक महासचिव भी मौजूद थे.
उच्च स्तरीय समिति ने हाल ही में एक राष्ट्र, एक चुनाव मुद्दे पर जनता की राय भी मांगी थी. जारी किए गए सार्वजनिक नोटिस में कहा गया है, "देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए मौजूदा कानूनी प्रशासनिक ढांचे में उचित बदलाव करने के लिए आम जनता के सदस्यों से सुझाव आमंत्रित किया गया है. First Updated : Wednesday, 07 February 2024