मंगलवार को लोकसभा में पेश होगा 'वन नेशन वन इलेक्शन', संविधान में होगा संशोधन; जानें पूरी डिटेल्स

संसद के शीतकालीन सत्र में 'वन नेशन वन इलेक्शन' को लेकर बड़ा कदम उठाया जा रहा है. मंगलवार, 17 दिसंबर 2024 को इस बहुप्रतीक्षित विधेयक को लोकसभा में पेश किया जाएगा. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल इस ऐतिहासिक विधेयक को सदन के समक्ष रखेंगे. यह पहल मोदी सरकार के प्रमुख चुनावी वादों में से एक है, जिसे देश में चुनावी प्रक्रिया में बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है.

Ritu Sharma
Edited By: Ritu Sharma

One Nation One Election: संसद के शीतकालीन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अपने प्रमुख चुनावी वादे 'वन नेशन वन इलेक्शन' को लेकर बड़ा कदम उठाने जा रही है. मंगलवार, 17 दिसंबर 2024 को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल लोकसभा में इस विधेयक को पेश करेंगे.

लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की तैयारी

आपको बता दें कि मोदी सरकार ने देश में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए संविधान संशोधन विधेयक लाने का निर्णय लिया है. इस विधेयक को संसद की संयुक्त समिति को भेजे जाने की संभावना है. सरकार का दावा है कि यह कदम प्रशासनिक प्रक्रियाओं को अधिक सरल, पारदर्शी और लागत प्रभावी बनाएगा. हालांकि, स्थानीय निकाय चुनावों के समन्वय पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है.

विधेयक का अध्ययन कर रहे सांसद

वहीं आपको बता दें कि 'वन नेशन वन इलेक्शन' विधेयक 16 दिसंबर को संसद के एजेंडे में शामिल था, लेकिन अब इसे मंगलवार को पेश किया जाएगा. विधेयक की प्रतियां पहले ही सांसदों को अध्ययन के लिए वितरित की जा चुकी हैं. चूंकि शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को समाप्त हो रहा है, इसलिए सरकार के पास विधेयक पारित कराने के लिए केवल चार दिन शेष हैं.

विपक्ष ने जताई आपत्ति

बताते चले कि डीएमके, तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया है. उनका कहना है कि यह देश के संघीय ढांचे को कमजोर कर सकता है और क्षेत्रीय दलों की राजनीतिक ताकत को सीमित कर सकता है. विपक्ष का यह भी तर्क है कि 'वन नेशन वन इलेक्शन' केंद्र सरकार को अत्यधिक शक्ति प्रदान करेगा.

सरकार का रुख

इसके अलावा आपको बता दें कि सत्ताधारी दल का मानना है कि यह विधेयक न केवल समय और धन की बचत करेगा, बल्कि देश में चुनावी प्रक्रिया को सुगम और अधिक प्रभावी बनाएगा. भाजपा का दावा है कि यह कदम भारत को बेहतर शासन की दिशा में ले जाएगा.

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16 December 2024, 06:48 PM IST

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