Operation Asan In Akhnoor: जम्मू के अखनूर में सोमवार को तीन आतंकियों ने सेना के वाहन पर हमला किया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई. इन आतंकियों ने कॉम्बैट यूनिफॉर्म पहनकर खुद को छुपाने की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय सेना ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए ऑपरेशन आसन शुरू किया. इस ऑपरेशन में पहली बार बीएमपी-2 टैंक का इस्तेमाल किया गया, जिससे आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई को मजबूती मिली.
ऑपरेशन का विस्तृत विवरण
जीओसी-10 इन्फैंट्री डिवीजन, मेजर जनरल समीर श्रीवास्तव के अनुसार, सुरक्षाबलों ने तेज कार्रवाई करते हुए तीन आतंकियों को ढेर कर दिया. उन्होंने बताया कि आतंकियों का मुख्य लक्ष्य सेना के काफिले पर हमला करना था, लेकिन उनकी योजना पूरी तरह विफल हो गई. ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों ने आतंकियों के पास से कई हथियार, जिसमें एम-4 राइफल भी शामिल है, बरामद किए हैं.
हमले का स्थान और घटनाक्रम
आतंकियों ने केरी बट्टल इलाके में असन मंदिर के पास सेना की एंबुलेंस पर फायरिंग की. इसके बाद विशेष बलों और एनएसजी कमांडो को मौके पर भेजा गया. मुठभेड़ दो दिन तक चली, जिसमें अंततः तीनों आतंकी मारे गए. इस दौरान हेलीकॉप्टर की सहायता से आतंकियों के छिपने के स्थानों की पहचान की गई.
बीएमपी-2 टैंक की भूमिका
इस ऑपरेशन में चार बीएमपी-2 लड़ाकू वाहनों को तैनात किया गया था. यह टैंक न केवल सैनिकों की सुरक्षा में सहायक था, बल्कि इसमें 30 एमएम की स्वचालित तोप, 7.62 एमएम की मशीन गन और 4-किमी रेंज की कोंकर्स मिसाइल प्रणाली भी शामिल थी. यह सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस था, जैसे नाइट विजन और स्मोक ग्रेनेड लॉन्चर सिस्टम, जिससे ऑपरेशन को गति मिली.
शहीद हुआ सेना का कुत्ता
इस ऑपरेशन में सेना का डॉग, फैंटम, शहीद हो गया. आतंकियों ने उसे निशाना बनाकर फायरिंग की, जिससे उसका बलिदान हुआ. सेना ने फैंटम के साहस और निष्ठा को सलाम किया और कहा कि उसे कभी नहीं भुलाया जाएगा.
ऑपरेशन आसन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भारतीय सेना किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है. आतंकियों के खात्मे के साथ ही इस ऑपरेशन ने सुरक्षा बलों की ताकत और साहस को भी उजागर किया. अब पूरे क्षेत्र में शांति स्थापित करने की दिशा में यह कदम एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. First Updated : Tuesday, 29 October 2024