Operation Brahma: एनडीआरएफ टीम को लेकर म्यामांर पहुंचा वायुसेना का विमान, सेना ने बनाए फील्ड अस्पताल
एनडीआरएफ की टीम को लेकर भारतीय वायुसेना का पहला सी-130 विमान नेपीता में उतरा, जहां उनका स्वागत भारत के राजदूत और म्यांमार के राजदूत माउंग माउंग लिन ने किया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत राजधानी में बचाव कर्मियों को लाने वाला पहला देश है. भूकंप के बाद हवाई अड्डा अभी भी पूरी तरह से चालू नहीं है. एनडीआरएफ की टीम कल सुबह-सुबह मांडले के लिए रवाना होगी.

म्यांमार में 28 मार्च को आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारत ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू किया है, जिसमें राहत प्रयासों में सहायता के लिए बचाव दल, मेडिकल टीम और नौसेना के जहाज तैनात किए गए हैं. विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि भारत अपने मानवीय सहायता प्रयासों के तहत म्यांमार की राजधानी नेपीता में बचाव दल भेजने वाला पहला देश था.
सुबह-सुबह मांडले के लिए रवाना होगी टीम
विदेश मंत्रालय के अनुसार, एनडीआरएफ की टीम को लेकर भारतीय वायुसेना का पहला सी-130 विमान नेपीता में उतरा, जहां उनका स्वागत भारत के राजदूत और म्यांमार के राजदूत माउंग माउंग लिन ने किया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत राजधानी में बचाव कर्मियों को लाने वाला पहला देश है. भूकंप के बाद हवाई अड्डा अभी भी पूरी तरह से चालू नहीं है. एनडीआरएफ की टीम कल सुबह-सुबह मांडले के लिए रवाना होगी और भारतीय एनडीआरएफ बचाव दल बचाव कार्यों के लिए मांडले पहुंचने वाला पहला बचाव दल होगा.
गाजियाबाद स्थित 8वीं एनडीआरएफ बटालियन के कमांडेंट पीके तिवारी शहरी खोज और बचाव (यूएसएआर) टीम का नेतृत्व कर रहे हैं. इस तैनाती में 80 एनडीआरएफ कर्मी, खोज और बचाव एक्सपर्ट और एक श्वान दस्ता शामिल है. एनडीआरएफ के उप महानिरीक्षक मोहसेन शाहेदी ने स्थिति की गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा कि अगले 24-48 घंटे बल के लिए लाभदायक रूप से कार्य करने तथा जमीन पर उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं.
118 सदस्यों की मेडिकल टीम पहुंची
ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत भारतीय सेना ने लेफ्टिनेंट कर्नल जगनीत गिल के नेतृत्व में कुलीन शत्रुजीत ब्रिगेड मेडिकल रिस्पॉन्डर्स से 118 सदस्यीय मेडिकल टास्क फोर्स को संगठित किया है. यह टीम आवश्यक मेडिकल ऐड से लैस है और आपदा प्रभावित क्षेत्रों में आघात के मामलों, आपातकालीन सर्जरी और अन्य महत्वपूर्ण मेडिकल सर्विसेस को संभालने के लिए 60 बिस्तरों वाला अस्थायी अस्पताल स्थापित करेगी.
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह मानवीय सहायता भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति और वसुधैव कुटुम्बकम विश्व एक परिवार है. के शाश्वत भारतीय सिद्धांत के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है.
इससे पहले, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पुष्टि की कि भारत ने म्यांमार के लिए दो नौसैनिक जहाज भेजे हैं, और दो और जहाज भेजे जाएंगे. उन्होंने कहा कि मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) कर्मियों और सामग्री को विमान के माध्यम से भेजे जाने के अलावा, 118 सदस्यों वाला एक फील्ड अस्पताल शनिवार को आगरा से रवाना होने की उम्मीद है.
40 टन सामग्री लेकर पहुंचे नेवी के दो जहाज
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री 40 टन मानवीय सहायता लेकर यांगून बंदरगाह की ओर जा रहे हैं. टेंट, कंबल, आवश्यक दवाइयां, तिरपाल, स्लीपिंग बैग, जनरेटर, सोलर लैंप, खाने के पैकेट और रसोई सेट सहित 15 टन राहत सामग्री लेकर पहला विमान शनिवार को सुबह करीब 3 बजे हिंडन एयरफोर्स बेस से रवाना हुआ. यह सुबह 8 बजे भारतीय समयानुसार यांगून पहुंचा, जहां भारत के राजदूत ने यांगून के मुख्यमंत्री को राहत सामग्री सौंपी.
म्यांमार भूकंप में 1,644 लोगों की मौत
आपको बता दें कि म्यांमार में आए भूकंप के कारण कम से कम 1,644 लोग मारे गए हैं, जिसका असर पड़ोसी थाईलैंड पर भी पड़ा है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि म्यांमार में भारतीय समुदाय के किसी भी व्यक्ति के हताहत होने की अभी तक कोई सूचना नहीं है. बताते चलें कि भारत म्यांमार के साथ 1,643 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है और ऐतिहासिक रूप से संकट के समय में देश को मानवीय सहायता प्रदान करता रहा है.