विपक्ष उठा रहा बजट पर सवाल! निर्मला सीतारमण ने खुलकर संसद में दिया आरोपों का जवाब

विपक्षी पार्टी लगातार देश में पेश किए गए बजट पर सवाल उठा रही है. जिसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इन चिंताओं पर खुलकर संसद में संबोधन किया गया है. उनका कहना था कि मुझे दुख होता है कि इससे पहले की सरकार ने कई दावे किए है, मगर उसे पूरा करते दिखाई नहीं दिए. बजट पर उनका कहना था कि अगर बजट में किसी राज्य का नाम नहीं है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसे कुछ नहीं मिलता है. तो चलिए विस्तार से पढ़िए वित्त मंत्री के जवाबों को जो उन्होंने आज संसद में बोला.

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New Delhi: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यानी 30 जुलाई को संसद में सत्र के दौरान विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों का जवाब दिया है. बता दें कि विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बजट की आलोचना करते हुए दावा किया है कि यह एनडीए के सहयोगी के अलावा बिहार और आंध्र प्रदेश को बजट का लाभ दिया गया है. वहीं कई दिनों से सीतारमण यह बोल रही हैं कि बजट भाषण में सिर्फ मुख्य बिंदुओं पर ही प्रकाश डाला जाता है. मगर सभी राज्यों को उनके हिस्से का उचित धन मिलता है. निर्मला सीतारमण ने अपने समर्थन में यूपीए काल के बजट भाषणों पर चर्चा करते नजर आईं.

सीतारमण ने साधा कांग्रेस बजट पर निशाना

निर्मला सीतारमण का कहना है कि "मैंने 2004-05 से लेकर अब तक के बजटों की समीक्षा की है. 2004-05 में बजट भाषण में 17 राज्यों का नाम नहीं था. 2006-07 में 16 राज्यों का नाम शामिल नहीं था. साल 2009 में बिहार और उत्तर प्रदेश सहित 26 राज्यों का नाम नहीं था. मैं यूपीए सरकार से जानना चाहती हूं क्या उन राज्यों को पैसा नहीं दिया गया?" सीतारमण ने आगे कहा कि बजट भाषण में किसी राज्य का नाम न होने का साफ मतलब यह नहीं है कि उसे कोई फंड नहीं दिया गया है.

विपक्ष करता है भ्रम पैदा करने का काम 

वित्त मंत्री ने विपक्ष पर भय और भ्रम पैदा करने के का आरोप लगाया है. विपक्ष का कहना है कि सरकार तोड़-मरोड़ कर बजट पेश करती है. जिसके बाद वित्त मंत्री ने अपनी जवाबदेही के लिए सरकार के उनके प्रयासों पर प्रकाश डाला और कहा कि सभी मंत्री नियमित रूप से बजट आवंटन की व्याख्या करने के लिए राज्यों का दौरा करते हैं. इतना ही नहीं सीतारमण ने मौजूदा और पिछले बजट के आंकड़े पढ़कर उन आरोपों का खंडन किया है जिनमें कहा गया था कि सामाजिक क्षेत्र और कल्याणकारी योजनाओं की अनदेखी की जा रही है. उन्होंने आगे कहा कि महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए बजट आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि की की गई है. 

कृषि सहायता पर दिया गया है विशेष ध्यान 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पांच गुना वृद्धि का जिक्र करते हुए संसद में कहती हैं कि "कृषि और किसान कल्याण विभाग के लिए बजट आवंटन साल 2013-2014 में केवल 21,934 करोड़ रुपये था. साल 2024-2025 के लिए यह बढ़कर 1.23 लाख करोड़ रुपये हो गया है. उन्होंने आगे कहा कि "पीएम किसान योजना लॉन्च होने के बाद से 11 करोड़ से अधिक किसानों को 3.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की गई है.

First Updated : Tuesday, 30 July 2024