चेन्नई में विपक्षी नेताओं का जमघट, स्टालिन के घर पर होने जा रही बड़ी बैठक, जानें क्यों है खास
परिसीमन के मुद्दे को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने चेन्नई में विपक्षी नेताओं की बैठक बुलाई है. इस बैठक में अगले साल प्रस्तावित परिसीमन को लेकर चर्चा होने की संभावना है. मीटिंग में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बीआरएस, बीजेडी समेत कई पार्टियों के नेता हिस्सा लेने चेन्नई पहुंच चुके हैं. बता दें कि स्टालिन ने दावा किया है कि परिसीमन के बाद कम जनसंख्या वाले राज्यों की सीटें कम कर दी जाएंगी.

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन शनिवार को चेन्नई में परिसीमन पर एक हाई लेवल बैठक की अध्यक्षता करने वाले हैं, जिसमें परिसीमन पर चर्चा के लिए कई विपक्षी नेताओं को इनवाइट किया है. पंजाब, तेलंगाना, केरल और ओडिशा के नेता बैठक में हिस्सा लेने के लिए चेन्नई पहुंच चुके हैं. बता दें कि स्टालिन ने कहा है कि परिसीमन के बाद कम जनसंख्या वाले राज्यों का प्रतिनिधित्व संसद में कम हो जाएगा.
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव बैठक से एक दिन पहले चेन्नई पहुंच चुके हैं. हालांकि, टीएमसी और आरजेडी के नेता अभी भी बैठक में नहीं पहुंचे हैं.
इतिहास हमें माफ नहीं करेगा
बीआरएस नेता रामा राव ने मीडिया से कहा कि अगर हम अब चुप रहे तो इतिहास हमें माफ नहीं करेगा. यह एक महत्वपूर्ण मोड़ है. हर व्यक्ति जो इस देश के भविष्य, इस देश की भविष्य की राजनीति और इस देश के भविष्य के प्रतिनिधित्व से चिंतित है, उसे अपनी चिंता व्यक्त करनी चाहिए, खुलकर बोलना चाहिए और खुलकर बात करनी चाहिए.
बीआरएस नेता ने आगे कहा कि हम तमिलनाडु के सीएम द्वारा बुलाई गई परिसीमन पर सर्वदलीय बैठक में भाग ले रहे हैं. अपनी पार्टी की ओर से हम परिसीमन को अस्वीकार करते हैं. इसके कारण तेलंगाना को होने वाले नुकसान में प्रतिनिधित्व में कमी और सांसदों की संख्या में कमी शामिल है. भविष्य में, केंद्र में हमारा हिस्सा भी कम हो जाएगा और हमें मिलने वाले फंड में भी कमी आएगी. इससे सभी तरह से क्षेत्रीय शक्ति असंतुलन पैदा होगा. जनसंख्या नियंत्रण का पालन करने वाले राज्यों की हिस्सेदारी कम करना ठीक नहीं है. यह अन्याय है. हम इसका विरोध कर रहे हैं और इसलिए कल की बैठक में भाग ले रहे हैं. निश्चित रूप से, हम अपनी आवाज बुलंद करेंगे.
टीएमसी ने मीटिंग से किया किनारा
हालांकि, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने बैठक में शामिल न होने का फैसला किया है. पार्टी के एक सूत्र ने बताया कि टीएमसी फिलहाल डुप्लिकेट वोटर आईडी नंबरों को लेकर चिंताओं को दूर करने को प्राथमिकता दे रही है, जिसके बारे में उनका मानना है कि इसका असर बिहार, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों पर पड़ सकता है.
बीजेडी भी लेगी बैठक में हिस्सा
इस बीच, बीजू जनता दल (बीजद) ने वरिष्ठ नेता संजय दास बर्मा और अमर पटनायक को विचार-विमर्श में ओडिशा का प्रतिनिधित्व करने के लिए नामित किया. दास बर्मा ने कहा कि ओडिशा उन आठ राज्यों में से है, जिन्होंने जनसंख्या को नियंत्रित किया है और देश की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. अब, केंद्र सरकार की योजना केवल जनसंख्या के मानदंडों पर परिसीमन प्रक्रिया शुरू करने की है. इसलिए, ओडिशा के प्रभावित होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि बैठक से यह और स्पष्ट हो जाएगा कि ओडिशा संसदीय और विधानसभा सीटें खो देगा या नहीं. उन्होंने जोर देकर कहा कि जो भी मामला हो, बीजेडी ओडिशा के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है.
ओडिशा कांग्रेस के नेता भी पहुंचे
ओडिशा कांग्रेस अध्यक्ष भक्त चरण दास भी बैठक के लिए शहर पहुंचे. यह तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन की एक बेहतरीन पहल है. अधिकांश दक्षिणी राज्य और ओडिशा जैसे परिवार नियोजन का पालन करने वाले राज्य इस बारे में चिंतित हैं. यदि इस इरादे से यह परिसीमन पारित किया जाता है, तो ओडिशा और दक्षिणी राज्यों की हिस्सेदारी खतरे में पड़ जाएगी. हम यहां आए हैं, हम इस सम्मेलन की बातचीत में शामिल होंगे. हम अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देंगे. ओडिशा की कांग्रेस पार्टी की ओर से, यह हमारा विचार है.