पटना में विपक्षी दलों की हुंकार,शिवसेना का पीएम मोदी पर वार,'2024 में मोदी झोला टांग चल देंगे'
शिवसेना (यूबीटी) ने अपने मुखपत्र 'सामना' में छपे एक संपादकीय में तंज कसते हुए लिखा है कि पटना की विपक्षी एकता की बैठक में थोड़ा चिंतन-मंथन हुआ। मुठ्ठी तानी तो 2024 में मोदी को ‘झोला’कंधे पर टांग कर जाना ही पड़ेगा।
हाइलाइट
- शिवसेना ने सामना में संपादकीय लिखकर पीएम मोदी पर कसा तंज
- '2024 में मोदी जी को झोला टांगकर जाना ही पड़ेगा'
- 2024 का चुनाव देश का आखिरी चुनाव होगा- सामना
- सामना में बताया 450 सीटों पर विपक्ष की जीत का प्लान
Opposition Parties Meeting: पटना में विपक्षा दलों की बैठक शुरू हो गयी है। 2024 आम लोकसभा चुनाव में एनडीए के विजयी रथ के पहिये की को रोकरने के लिए विपक्षी दलों के तमाम नेता युद्ध स्तर पररणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। इस विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस, राजद, जदयू, एनसीपी, टीएमसी, शिवसेना (यूबीटी) समेत कई दल शामिल हो रहे हैं। लेकिन इस बैठक से पहले शिवसेना (यूबीटी) का बड़ा बयान सामने आया है।
पटना में होने वाली महारैली के पहले शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने सामना में संपादकीय लिखकर पीएम मोदी पर करारा हमला बोला है। शिवसेना (यूबीटी) ने अपने मुखपत्र 'सामना' में छपे एक संपादकीय में कहा कि पटना वही भूमि है, जहां से जेपी के आंदोलन की शुरुआत हुई और कांग्रेस के मजबूत किले को ध्वस्त कर दिया था। एक बार फिर पटना से नई शुरुआत हो रही है, जो बेहद अच्छा कदम है। अगर 2024 में फिर से मोदी आते हैं, तो देश में लोकतंत्र नहीं बचेगा। बीजेपी के विरोधी पटना में एकत्रित होंगे, ऐसा कहना गलत होगा। लोकतंत्र, संविधान की रक्षा के लिए देशभक्त दल एक साथ आ रहे हैं, ऐसा कहना ही तार्किक होगा।
"मोदी को‘झोला’कंधे पर टांग कर जाना पड़ेगा"
सामना में पीएम मोदी पर पर तंज भी कसा गया है। इसमें लिखा है कि कानून, संविधान, न्यायपालिका की परवाह किए बगैर सत्ता हासिल करनेवालों का राज खत्म करने को लेकर पटना की बैठक में थोड़ा चिंतन-मंथन हुआ। मुठ्ठी तानी तो 2024 में मोदी को ‘झोला’कंधे पर टांग कर जाना ही पड़ेगा।
सभी दल एक साथ आएंगे तो बचेगा लोकतंत्र
सामना के लेख में आगे लिखा गया है कि अगर 2024 के बाद लोकतंत्र को जीवित रखना है, तो राजनीतिक दलों को मतदाताओं के बीच विश्वास पैदा करने के लिए राष्ट्रीय हित में बड़ा दिल दिखाना होगा। सभी दल एक साथ आएंगे तो मतदाताओं में विश्वास पैदा होगा। आम आदमी पार्टी (AAP) और के चंद्रशेखर राव की अगुवाई वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाएं हैं, लेकिन इससे अप्रत्यक्ष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तानाशाही को समर्थन मिलेगा। इन दोनों पार्टियों का अलग-अलग राज्यों में कांग्रेस और बीजेपी से सीधा मुकाबला है।
बीजेपी के खिलाफ विपक्ष का एक उम्मीदवार- सामना
आगामी लोकसभा चुनाव में संसदीय सीटों को लेकर सामना ने बड़ी बात लिखी गई है। सामना में कहा गया कि कम-से-कम 450 सीटों पर एक के खिलाफ एक (बीजेपी के खिलाफ विपक्ष का एक उम्मीदवार) मुकाबला होगा तो इस लड़ाई में बीजेपी की करारी हार होगी। पीएम मोदी कितना भी नाटकीय प्रयोग कर लें फिर भी उनकी दयनीय पराजय हो सकती है। यह देश के कई राज्यों ने दिखा दिया है।
2024 का चुनाव देश का आखिरी चुनाव होगा- सामना
सामना में उद्धव ठाकरे गुट ने केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि बीजेपी शामिल होने वाले भ्रष्टाचारियों, गुनहगारों को अभयदान मिल रहा है। यही तानाशाही के कदम हैं। यह ऐसे ही जारी रहा तो 2024 का लोकसभा चुनाव देश का आखिरी चुनाव साबित होगा और इसी दौर में इस देश में लोकतंत्र था, इस पर भावी पीढ़ी सिर्फ शोध करती रहेगी।