NDA से मुकाबले के लिए विपक्ष का नया प्लान, चुनावी जंग में BJP के खिलाफ INDIA गठबंधन बनाकर दिया संदेश
बेंगलुरू की बैठक में विपरीत विचारधाराओं से जुड़े कई दल दिखे, जो राज्य में एक दूसरे के खिलाफ हैं. पहले अलग –अलग चुनाव लड़े जाते थें, लेकिन अब एक साथ मिलकर चुनाव लड़े जायेंगे.
हाइलाइट
- बेंगलुरू की बैठक में विपरीत विचारधाराओं से जुड़े कई दल दिखे.
मंगलवार 26 विपक्षी दलों के गठबंधन का नामकरण हो गया इसके साथ ही 2004 में बने UPA का सियासी अस्तिव खत्म हो गया. 18 जुलाई भारतीय राजनीति में विपक्षी एकता के लिए हमेशा याद किया जायेगा. दो गठबंधन करने के बाद अब यह तीसरा गठबंधन किया गया है.
आपको बता दें कि सन 1998 में अटल बिहारी बाजपेई ने NDA का गठन किया था, जब इस गठन को किया गया था तो उस समय 13 सदस्य इसमें शामिल थे. आइए जानते हैं टीम इंडिया और टीम एनडीए के बारे में सभी जानकारियां.
मंगलवार को 26 दलों के गठबंधन का नामकरण किया गया था, जिसका नाम इंडियन नेशनल डेवेवपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस है. विपक्षी एकता को लेकर दो दिवसीय मंथन से 24 के लिए प्लान निकाला है. साथ ही विपक्षी एकता सम्मेलन में नेताओं के हाथ मिले क्या उन्हें दिल से एक दूसरे को अपनाया. इस बारे में विपक्षी दलों ने मोदी को बड़ा संदेश दिया है.
क्या दिया पहला संदेश?
पटना में हुई पहली बैठक में अध्यादेश को लेकर केजरीवाल वापस लौट गए थे. जब पहली बैठक होने के चलते NCP में फूट पड़ गई थी. लेकिन अब गठबंधन का नया नाम जुड़ चुका है. इसके साथ ही कांग्रेस सभी को एकजुट करने में हर तरह की कोशिशों में लगी है.
दूसरा संदेश
यह काफी बड़ा सवाल है कि 2024 में के लिए विपक्षी गठबंधन में पार्टियों का विस्तार मोदी के खिलाफ सबसे बड़ी चुनावी जंग में आखिर कितनी पार्टियां वहां पर मौजूद रहेंगी. 2024 के लिए 26 दलों का गठबंधन तैयार कर दिया गया है.26 विपक्षी के दलों ने अपने पत्तों को खोल दिया है.
तीसरा संदेश
यदि आप गठबंधन को एक नए नाम से देखते हैं तो उसमें एकता की शक्ति मौजूद है. इंडियन नेशनल डेवेलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस. डेवेलपमेंटल का मतलब है कि विकास की राजनीति जबकि इंक्लूसिव का मतलब है सबका सम्मान, सबका साथ, नफरत के खिलाफ मुहब्बत की राजनिति.
चौथा संदेश
यह भरतीय राजनिति में तीसरा मौका है जब सत्ता प्रतिष्ठान के खिलाफ सभी विपक्षी दल एक जुट होते हुए दिखाई दे रहे हैं. इससे पहले 1977 में पहली बार विपक्षी नेता एक साथ नजर आएं थे, तभी गठबंधन की सरकार बनाई गई थी. अब 2024 में चुनाव में यह तीसरा मौका होगा जब तमाम विपक्षी दल एक जुट होकर सत्ता पक्ष के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे.