पश्चिम बंगाल से कांग्रेस के सांसद अधीरंजन चौधरी ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए बड़ा दावा किया है. चौधरी ने कहा कि बुधवार को विपक्ष लोक सभा में केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आने वाली है. मीडिया सूत्रों का कहना है कि इस प्रस्ताव का ड्राफ्ट तैयार किया जा चुका है और इसे बुधवार को सदन में दाखिल किया जाएगा.
कब और कैसे लाया जाता है अविश्वास प्रस्ताव?
अविश्वास प्रस्ताव पारित कराने कि बात सदन में तब उठती है जब विपक्षी दलों को लगता है कि सरकार सदन का विश्वास या बहुमत खो चुकी है. ऐसी स्थिति में ये प्रस्ताव पारित कराने के लिए सबसे पहले विपक्षी दल को लोकसभा अध्यक्ष को इसकी लिखित सूचना देनी होती है। इसके बाद स्पीकर उस दल के किसी सांसद से इसे पेश करने के लिए कहता है.
क्या है संवैधानिक प्रक्रिया?
संविधान में अविश्वास प्रस्ताव का कोई स्पष्ट जिक्र तो नहीं है लेकिन अनुच्छेद 118 के तहत हर सदन अपनी प्रक्रिया बना सकता है जबकि नियम 198 के तहत ऐसी व्यवस्था है कि कोई भी सदस्य लोकसभा अध्यक्ष को सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे सकता है. इसी प्रकार विपक्ष भी बुधवार को सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कर रहा है.
कब यह स्वीकार होता है?
अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के लिए कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन होना आवश्यक है. ऐसा होने पर स्पीकर इसे स्वीकार करते हैं और 10 दिन के अंदर इस पर चर्चा होती है और फिर वोटिंग कराई जाती है. उसके बाद ही इस पर कोई फैसला लिया जा सकता है. First Updated : Tuesday, 25 July 2023