वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर ओवैसी की कड़ी प्रतिक्रिया: खतरे में हैं मुस्लिम संपत्तियां
AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि इस विधेयक से मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और चैरिटेबल संपत्तियों को खतरा हो सकता है. ओवैसी के अनुसार यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में गैर-मुस्लिम तत्वों की दखलंदाजी बढ़ा सकता है जिससे मस्जिदों और अन्य वक्फ संपत्तियों पर मुसलमानों का नियंत्रण कमजोर हो जाएगा.
Asaduddin Owaisi: आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार की हाल ही में पारित वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है. ओवैसी ने आरोप लगाया है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के धार्मिक और चैरिटेबल संपत्तियों की सुरक्षा को गंभीर खतरे में डालता है.
बता दे कि वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक का उद्देश्य मौजूदा वक्फ अधिनियम में बदलाव करना है, जो मुसलमानों द्वारा धार्मिक उद्देश्यों के लिए दान की गई संपत्तियों का प्रबंधन करता है. इस विधेयक के तहत वक्फ बोर्ड की संरचना और उनके कार्यों में बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं, जिनके बारे में ओवैसी का कहना है कि ये बदलाव मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं.
वक्फ संपत्तियों पर खतरा
ओवैसी ने कहा कि इस विधेयक से मुसलमानों को उनकी मस्जिदों और अन्य वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण खोने का खतरा है. उनके अनुसार यह विधेयक धार्मिक संपत्तियों के प्रबंधन में गैर-मुस्लिम तत्वों की दखलंदाजी को बढ़ावा देगा जिससे इन संपत्तियों के प्रबंधन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और वे गलत प्रबंधन और अतिक्रमण का शिकार हो सकते हैं.
ओवैसी की तीखी प्रतिक्रिया
ओवैसी ने आरोप लगाया कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय को हाशिए पर धकेलने और उनके अधिकारों को कमजोर करने की सरकार की व्यापक योजना का हिस्सा है. उनका कहना है कि सरकार ने वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को सुदृढ़ करने की बजाय इसे और अधिक जटिल और विवादास्पद बना दिया है. ओवैसी ने कहा, जो चीज हिटलर के वक्त जर्मनी में यहूदियों के साथ की गई थी, आज वहीं तारीख हमारे वतन-ए-अजीज में मुसलमानों से दोहराई जा रही हैं.
हिटलर के समय का जिक्र
बीजेपी के लोग बोलते हैं कि 8 लाख एकड़ जमीन वक्फ की है, तो सुनो किसी सरकार, RSS, BJP या राजनीतिक पार्टी के लोगो ने जमीन नहीं दी बल्कि हमारे बुज़ुर्गों ने दी है. इस विधेयक के खिलाफ ओवैसी की तीखी प्रतिक्रिया और चिंता से यह स्पष्ट होता है कि मुस्लिम समुदाय के बीच इस मुद्दे को लेकर असंतोष और विवाद काफी बढ़ता जा रहा है.