Owaisi Gave a Befitting Reply to Modi: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बीच राज्य में सियासी माहौल गर्मा गया है. सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी और विपक्ष के बीच तीखी बयानबाजी जारी है. इसी बीच, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने छत्रपति संभाजी नगर में एक चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी को घेरते हुए जमकर हमला बोला.
ओवैसी ने पीएम मोदी के ‘एक हैं तो सेफ हैं’ वाले बयान का जवाब देते हुए संविधान, इंसाफ और बाबासाहेब अंबेडकर के सिद्धांतों का हवाला दिया. उन्होंने न केवल मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए, बल्कि राज्य के भीतर जातिवाद और समाज को बांटने की कोशिशों का भी विरोध किया.
'एक हैं तो सेफ हैं' पर ओवैसी का जवाब
हाल ही में, पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के धुले में एक चुनावी रैली में कहा था, 'एक हैं तो सेफ हैं', यह बयान उन्होंने कांग्रेस और उसकी पिछड़ी जातियों के खिलाफ की जा रही राजनीति पर दिया था. पीएम मोदी का यह बयान उनके कथित तौर पर मराठा और ओबीसी समाज को लेकर खींची गई सीमाओं को लेकर था. हालांकि, ओवैसी ने इसका कड़ा विरोध किया. ओवैसी ने कहा, 'मजलिस यह कह रही है कि हम अनेक हैं तो अखंड हैं, जबकि मोदी और RSS यह चाहते हैं कि वे सबको एक कर दें. मैं कहता हूं कि इंसाफ है तो भारत सेफ है. संविधान है तो सम्मान है. आंबेडकर जिंदा हैं तो गोडसे मुर्दा है.'
ओवैसी ने अपने बयान में यह भी कहा कि बीजेपी और मोदी सरकार जातिवाद के आधार पर समाज में दरार डालने की कोशिश कर रही है. उनका कहना था कि पीएम मोदी मराठा बनाम ओबीसी की राजनीति कर रहे हैं, जबकि उन्हें समाज को एकजुट करना चाहिए. 'ये एक के नाम पर सबको लड़ाना चाहते हैं, हम अनेक की बात करते हैं,' ओवैसी ने कहा.
आंबेडकर और गोडसे का संदर्भ
ओवैसी का यह बयान बहुत मायने रखता है क्योंकि उन्होंने सीधे आंबेडकर और गोडसे का संदर्भ दिया, जो भारतीय राजनीति में एक संवेदनशील मुद्दा है. उन्होंने कहा कि आंबेडकर की विचारधारा हमेशा जीवित रहेगी और गोडसे जैसे लोग हमेशा के लिए इतिहास बन चुके हैं. उनका यह बयान बीजेपी और संघ परिवार के उन लोगों को निशाना बनाने के रूप में देखा जा रहा है जो आंबेडकर की विचारधारा को तवज्जो नहीं देते और गांधीवादी सोच के खिलाफ खड़े होते हैं.
बीजेपी का 'मराठा बनाम ओबीसी' खेल
ओवैसी ने महाराष्ट्र में बीजेपी द्वारा चलाए जा रहे 'मराठा बनाम ओबीसी' के खेल पर भी सवाल उठाया. उनका कहना था कि बीजेपी समाज को बांटने की राजनीति कर रही है, जिससे राज्य में साम्प्रदायिक और जातीय तनाव बढ़ सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी और उनकी सरकार समाज के विभिन्न वर्गों के बीच फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं, जो अंततः राज्य की एकता के लिए हानिकारक साबित हो सकता है.
पीएम मोदी का 'आरक्षण' पर बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धुले में अपने भाषण में कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि पार्टी ने कभी भी दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के आरक्षण के अधिकार का समर्थन नहीं किया. उन्होंने कहा था कि बाबा साहेब अंबेडकर ने आरक्षण की कोशिश की थी, लेकिन नेहरू और इंदिरा गांधी की सरकारों ने इसे खारिज किया. मोदी ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस का उद्देश्य हमेशा से ही एससी, एसटी और ओबीसी समाज को कमजोर रखना था, ताकि उनकी राजनीति सुरक्षित रहे. First Updated : Sunday, 10 November 2024