Uniform Civil Code: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में UCC यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड का जिक्र छेड़ दिया है. उनके इस बयान से ऐसा लग रहा है कि मानों 2024 में चुनाव लड़ने का मुद्दा मिल गया हो. क्योंकि विपक्षी पार्टियां UCC का जमकर विरोध कर रही हैं. इस कड़ी में कांग्रेस दिग्गज नेता चिदंबरम का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड को थोपना गलत है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि परिवार और देश दोनों अलग-अलग चीजें हैं.
पी चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए लिखा,"माननीय प्रधानमंत्री ने समान नागरिक संहिता (UCC) की वकालत करते हुए एक राष्ट्र को एक परिवार के बराबर बताया है. हालांकि मौजूदा वक्त में दोनों की तुलना सही लग सकती है लेकिन हकीकत में दोनों बहुत अलग हैं. एक परिवार खून के रिश्तों के साथ बंधा होता है. जबकि एक राष्ट्र को संविधान के ज़रिए एक साथ लाया जाता है जो एक राजनीतिक-कानूनी दस्तावेज है.
भारत के संविधान ने भारत के लोगों के बीच विविधता और बहुलता को मान्यता दी. हालांकि परिवार में भी विविधता होती है. यूसीसी एक आकांक्षा है. इसे एजेंडा-संचालित बहुसंख्यकवादी सरकार द्वारा लोगों पर थोपा नहीं जा सकता. माननीय प्रधानमंत्री यह जाहिर कर रहे हैं कि यूसीसी एक आसान प्रेक्टिस है. उन्हें पिछले विधि आयोग की रिपोर्ट पढ़नी चाहिए जिसमें बताया गया था कि इस समय यह संभव नहीं है.
भाजपा की कथनी और करनी की वजह से आज देश बंटा हुआ है. लोगों पर थोपा गया यूसीसी सिर्फ विभाजन को बढ़ाएगा. यूसीसी के लिए माननीय प्रधानमंत्री की मजबूत वकालत का मकसद मुद्रास्फीति, बेरोजगारी, नफरती अपराध, भेदभाव और राज्यों के अधिकारों को नकारने से ध्यान भटकाना है. लोगों को सतर्क रहना होगा.सुशासन में विफल होने के बाद भाजपा वोटर्स का ध्रुवीकरण करने और अगला चुनाव जीतने की कोशिश करने के लिए यूसीसी को तैनात कर रही है. First Updated : Wednesday, 28 June 2023