पहलगाम आतंकी हमलाः हमले से एक हफ्ते पहले आतंकियों ने की थी इस इलाके की रेकी, फिर की कायराना हरकत
मंगलवार दोपहर को कश्मीर के पहलगाम शहर के पास एक मशहूर मैदान पर आतंकवादियों ने गोलीबारी की, जिसमें 26 लोग मारे गए, जिनमें से ज़्यादातर पर्यटक थे. यह 2019 के पुलवामा बम विस्फोट के बाद घाटी में सबसे घातक आतंकी हमला है. एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि 26 मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय लोग शामिल हैं. बताया जाता है कि आतंकवादियों ने समूह पर 50 से ज़्यादा राउंड फायरिंग की.

पहलगाम आतंकवादी हमले में बड़ा खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों ने अप्रैल के पहले सप्ताह के दौरान कश्मीर में कई पर्यटन स्थलों, विशेषकर होटलों को निशाना बनाकर रेकी की थी.रेकी की कुछ जगहों में पहलगाम के होटल भी शामिल हैं, जिससे सुरक्षा एजेंसियों के लिए खतरे की घंटी बज गई है. जांच एजेंसी को संदेह है कि इस हमले की योजना के पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है. हालांकि, जैसे ही कश्मीर में पर्यटकों को निशाना बनाकर किए गए आतंकी हमले की खबर फैली प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) आतंकी समूह के छाया समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने इसकी जिम्मेदारी ली.
सूत्रों के अनुसार, यह टोही मिशन 1 से 7 अप्रैल के बीच चलाया गया. केंद्रीय एजेंसियों के सूत्रों से पता चला है कि हमले को अंजाम देने में तीन से अधिक आतंकवादी शामिल हो सकते हैं.
26 मरे और कई घायल
मंगलवार दोपहर को कश्मीर के पहलगाम शहर के पास एक मशहूर मैदान पर आतंकवादियों ने गोलीबारी की, जिसमें 26 लोग मारे गए, जिनमें से ज़्यादातर पर्यटक थे. यह 2019 के पुलवामा बम विस्फोट के बाद घाटी में सबसे घातक आतंकी हमला है. एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि 26 मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय लोग शामिल हैं. बताया जाता है कि आतंकवादियों ने समूह पर 50 से ज़्यादा राउंड फायरिंग की. हताहतों की संख्या बढ़ सकती है.
स्थिति की गंभीरता इस बात से स्पष्ट है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा दिल्ली से श्रीनगर के लिए रवाना हो चुके हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना का जायजा लेने के लिए अमित शाह से फोन पर बात की है.
हमले की खबर आने के तुरंत बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्थिति का आकलन करने और सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने के लिए सेना और खुफिया एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई. बैठक के बाद अमित शाह व्यक्तिगत रूप से घटनाक्रम की निगरानी करने के लिए कश्मीर रवाना हो गए.
हमला कैसे हुआ?
दोपहर करीब ढाई बजे जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के बैसरन में दो से तीन आतंकवादी पहुंचे और पर्यटकों के पहचान पत्र की जांच करने लगे. कुछ ही देर बाद उन्होंने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी. वहां मौजूद लोगों में एक सेना अधिकारी भी था जो अपने परिवार के साथ साइट पर आया था; बताया जाता है कि उसने दूसरों की रक्षा करने के लिए तेजी से काम किया और अराजकता के दौरान खुद को छिपा लिया. हमलावरों ने लोगों पर गोली चलाने से पहले उनसे उनके नाम पूछे.
अधिकारियों ने बताया कि गोलियों की आवाज आने की खबर मिलने के बाद सेना, सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस बैसरन पहुंची. उन्होंने बताया कि हमलावरों की तलाश के लिए बड़े पैमाने पर आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया गया है और सुरक्षा बलों को सभी दिशाओं में तैनात किया गया है. जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने अनंतनाग और श्रीनगर में 24X7 आपातकालीन नियंत्रण कक्ष स्थापित किए.


