भारत के कड़े कदमों से डरा पाकिस्तान, मदद के लिए पहुंचा मित्र देशों के पास, लेकिन किसी ने नहीं दिया साथ
पहलगाम हमले के बाद अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए पाकिस्तान ने सभी मित्र देशों से संपर्क किया है, लेकिन अब तक किसी ने भी मध्यस्थता की कोशिश नहीं की है. इसके परिणामस्वरूप, पाकिस्तान को अपने मित्र देशों से भी कोई सहारा नहीं मिला है.

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत ने कई कड़े कदम उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल संधि पर रोक भी शामिल है. भारत के इन कदमों के बाद पाकिस्तान घबराया हुआ है और उसने अपने मित्र देशों से मदद की अपील की है. हालांकि, पाकिस्तान को यहां भी कोई सहयोग नहीं मिला है, क्योंकि उसके मित्र देशों ने कोई मध्यस्थता का प्रयास नहीं किया. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि उसने अपने मित्र देशों से इस हमले पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए संपर्क किया, लेकिन अभी तक कोई भी देश पाकिस्तान के पक्ष में आगे नहीं आया. यह पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका साबित हुआ है.
मुस्लिम देशों ने की कड़ी निंदा
दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए इस हमले में कम से कम 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे. इस हमले की विभिन्न मुस्लिम देशों ने कड़ी निंदा की है. कतर, जॉर्डन, इराक और दिल्ली स्थित अरब लीग के मिशन ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए भारत के प्रति अपनी एकजुटता जताई और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि वह अपनी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा. मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने कहा कि पाकिस्तान के पास सिंधु जल संधि को लेकर सभी विकल्प मौजूद हैं और वह अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए इस अधिकार को सुरक्षित करने के लिए हर प्रयास करेगा.
भारत ने सहनशीलता की नीति को किया स्पष्ट
भारत ने भी पाकिस्तान के खिलाफ डिप्लोमैटिक स्ट्राइक करते हुए 45 देशों के राजदूतों को इस हमले और सीमा पार आतंकवाद के बारे में जानकारी दी थी. इस दौरान भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी शून्य सहनशीलता की नीति को स्पष्ट किया और इस मुद्दे पर वैश्विक समर्थन प्राप्त करने की कोशिश की.


