भोपाल जेल में 69 आतंकियों के ब्लाक में चीनी निर्मित ड्रोन मिलने से खलबली
जेल प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं. यूएवी को जांच के लिए गांधीनगर पुलिस स्टेशन भेज दिया गया है ताकि इसका उद्देश्य पता चल सके. कैबिनेट में मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि हमारे जेल प्रबंधन की सतर्कता के कारण ड्रोन बरामद कर लिया गया है.
भोपाल: इस सप्ताह की शुरुआत में भोपाल की उच्च सुरक्षा वाली जेल के परिसर में एक ड्रोन मिलने से सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा संकट खड़ा हो गया. बताया जा रहा है कि ड्रोन आठ दिनों तक बिना किसी सुराग के पड़ा रहा, आखिरकार बुधवार को उसे देखा गया. एक रिपोर्ट के अनुसार, ड्रोन को ड्यूटी गार्ड ने बी ब्लॉक के पास पाया था. यह वह खंड है जहां आईएसओ प्रमाणित जेल में 69 आतंकवादी बंद हैं.
भोपाल के जोन 4 के एडिशनल डीसीपी मलकीत सिंह ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि ड्रोन में कोई मेमोरी या रिकॉर्डिंग डिवाइस नहीं है. सिर्फ एक सामान्य कैमरा है. यह एक बहुत छोटा ड्रोन है, जो आमतौर पर ऑनलाइन उपलब्ध है. हम फिलहाल इन तथ्यों की जांच कर रहे हैं.
ड्रोन को नोटिस नहीं किया होगा
ड्रोन मिलने से जेल अधिकारियों की लापरवाही की आशंका बढ़ गई है. राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन सुरक्षा में किसी तरह की चूक से इनकार किया है. मुख्यमंत्री मोहन यादव की कैबिनेट में मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि हमारे जेल प्रबंधन की सतर्कता के कारण ड्रोन बरामद कर लिया गया है. मामले की विस्तृत जांच चल रही है. उन्होंने सुरक्षाकर्मियों की सतर्कता की भी प्रशंसा की. हालांकि, जेल अधीक्षक ने इस चूक का कारण भ्रम बताया. एनडीटीवी की रिपोर्ट में उनके हवाले से कहा गया कि "कुछ गलतफहमी थी, जिसके कारण गार्ड ने शुरुआत में ड्रोन को नोटिस नहीं किया होगा.
बेटे के लिए खरीदा था ड्रोन
ड्रोन का दावा स्थानीय डॉक्टर स्वप्निल जैन ने किया है, जिन्होंने कहा कि उन्होंने इसे अपने बेटे के लिए खरीदा था. भोपाल के पुलिस कमिश्नर हरि नारायणचारी मिश्रा ने अपनी टीम के साथ ड्रोन का परीक्षण किया और डॉक्टर के दावे की पुष्टि की. जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि ड्रोन को जांच के लिए भेजा गया है, ताकि पता चल सके कि उसका उद्देश्य क्या था. आईएएनएस के अनुसार अधिकारी ने बताया कि हमने ड्रोन को गांधीनगर पुलिस थाने में जांच के लिए भेजा है, ताकि पता चल सके कि उसका उद्देश्य क्या था. उसका क्या काम था और वह कैसे काम कर रहा था.
'अंडा सेल' के बहुत नजदीक
हालांकि, जैमर और सीसीटीवी सहित जेल की बहुस्तरीय सुरक्षा के बावजूद ड्रोन को देखने में अधिकारियों की असमर्थता ने चिंता को बढ़ा दिया है, क्योंकि ड्रोन 'अंडा सेल' के बहुत नजदीक है, जहां प्रतिबंधित सिमी (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया), पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया), एचयूटी (हिज्ब उत-तहरीर), जेएमबी (जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश) और आईएसआईएस जैसे संगठनों के आतंकवादी रहते हैं।