Parliament: 'लोकतंत्र में सांसदों को अपनी बात रखने का अधिकार', रिंकू सिंह के निलंबन पर बोले राघव चड्ढा
Raghav Chadha: AAP सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि पहले हमारे राज्यसभा सांसद संजय सिंह और अब लोकसभा सांसद रिंकू सिंह को निलंबित कर दिया गया है. ऐसो में लोकतंत्र कैसे बचेगा?
Parliament Ponsoon Session 2023: आप नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने शुक्रवार को कहा कि लोकतंत्र में सभी सांसदों की बात सुननी चाहिए. आप पार्टी ने अपने अधिकाारिक ट्विटर हैंडल से राघव चड्ढा के बयान वाला एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया. पार्टी ने लिखा, 'AAP की दो राज्यों में सरकार है, लोकतंत्र में सभी सांसदों की बात सुनी जानी चाहिए, पहले हमारे राज्य सभा सांसद संजय सिंह, फिर लोक सभा सांसद सुशील रिंकू को निलंबित किया गया. ऐसे तो लोकतंत्र बचेगा नहीं.'
आप ने आगे लिखा कि अटल जी, इंदिरा गांधी जी और मनमोहन सिंह जी के खिलाफ भी प्रिविलेज मोशन आया था. मैं उस कतार में खड़े होकर अपने आप को गौरवान्वित महसूस करता हूं.
AAP की दो राज्यों में सरकार है, लोकतंत्र में सभी सांसदों की बात सुनी जानी चाहिए, पहले हमारे राज्य सभा सांसद @SanjayAzadSln जी फिर लोक सभा सांसद सुशील रिंकू जी को निलंबित किया गया। ऐसे तो लोकतंत्र बचेगा नहीं।
— AAP (@AamAadmiParty) August 4, 2023
अटल जी, इंदिरा गांधी जी और मनमोहन सिंह जी के खिलाफ़ भी Privilege Motion… pic.twitter.com/l5WJAMiySI
बता दें कि गुरूवार को आप के लोकसभा सांसद सुशील रिंकू सिंह को पूरे मानसून सत्र से निलंबित कर दिया गया. लोकसभा स्पीकर ने उन्हें संसदीय नियमों का उल्लंघन करने के लिए निलंबित किया है. रिंकू सिंह पंजाब की जालंधर सीट से लोकसभा सांसद है. इसी साल उन्होंने जालंधर सीट पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल कर लोकसभा में आप सांसद की उपस्थिति दर्ज कराई थी. वे आप पार्टी के अकेले लोकसभा सांसद है. इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान लोकसभा में आप के सांसद रह चुके है.
संजय सिंह को राज्यसभा से किया था निलंबित
ज्ञात हो कि इससे पहले आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को भी पूरे मानसून सत्र से निलंबित कर दिया गया था. सदन की कार्यवाही को बाधित करने को लेकर उनके खिलाफ सभापति ने ये कार्रवाई की थी. बता दें कि आम आदमी पार्टी मणिपुर मुद्दे और दिल्ली अध्यादेश को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है. वहीं आप नेता राघव चड्ढा मणिपुर मुद्दे पर लगातार सदन में चर्चा की मांग कर रहे हैं.