संसद सत्र सामने और विपक्ष तैयार, पेपर लीक मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर सवाल उठाएंगे राहुल गांधी
Parliament Session: नीट पेपर लीक विवाद को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रहा है. इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कुछ अभ्यर्थियों से मुलाकात की और उनसे खास बातचीत की है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-स्नातक में कथित अनियमितताओं से जुड़े विवाद पर कहा है कि वह संसद के आगामी सत्र में इस मुद्दे को व्यक्तिगत रूप से उठाएंगे और सरकार पर दबाव डालेंगे.
Parliament Session: प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल शुरू होते ही देशभर में पेपर लीक मुद्दे पर भारी बवाल देखने को मिल रहा है. इस मुद्दे को विपक्ष संसद में आवाज उठाने की बात कह रहा है. मोदी के तीसरे कार्यकाल का ये पहला मुद्दा है जिसको विपक्ष 24 जून से शुरू होने वाले 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में उठाने की तैयारी में है. कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने चुनाव नतीजों के तुरंत बाद अपना इरादा स्पष्ट कर दिया है,कि वह सरकार को आराम नहीं करने देगी और कसम खाई है कि वह राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर कड़ी चुनौती देगी.
राहुल ने पेपर लीक को लेकर कहा कि ' 'वे (सरकार) दिखावा कर सकते हैं लेकिन उन पर विपक्ष का ऐसा दबाव होगा कि वे जो भी कर रहे हैं उसके बारे में उन्हें दो बार सोचना पड़ेगा. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हम उन पर इतना दबाव डालें कि यह मुद्दा (परीक्षा पत्र लीक) सुलझ जाए. उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष इस मुद्दे को संसद में उठाएगा.
क्या पेपर लीक एक चुनावी मुद्दा था?
हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान जिसमें इंडिया ब्लॉक ने 234 सीटें जीतीं, पेपर लीक का मुद्दा प्रमुख विपक्षी चेहरों के चुनावी भाषणों में बार-बार छाया रहा - जिनमें राहुल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव, राष्ट्रीय शामिल थे. कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में प्रश्न पत्र लीक से संबंधित मामलों में फास्ट-ट्रैक अदालतों का फैसला करने और पीड़ितों को मौद्रिक मुआवजा प्रदान करने का वादा किया था.
बीजेपी ने भी विपक्ष पर हमला करने के लिए पेपर लीक मुद्दे को चुनाव प्रचार के लिए इस्तेमाल किया. राजस्थान में अपने अभियान के दौरान, मोदी ने दावा किया कि राज्य की पिछली कांग्रेस सरकार "खुद पेपर लीक में शामिल थी और उसने "देश के युवाओं को धोखा दिया था.
5 सालों में पेपर लीक मामला
द इंडियन एक्सप्रेस की एक जांच के मुताबिक, यह पहला मामला नहीं है जब नीट परीक्षा के पेपर लीक हुए है. पिछले पांच सालों में 15 राज्यों में पेपर लीक के कम से कम 41 मामले पाए गए जिसमें सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती प्रक्रिया बाधित हुई थी. पेपर लीक से लगभग 1.04 लाख सरकारी पदों के लिए कम से कम 1.4 करोड़ आवेदक वंचित हुए थे. इस साल फरवरी में उत्तर प्रदेश में पेपर लीक का मामला सामने आया था. यहां यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र कथित तौर पर लीक हो गया था और परीक्षा के दिन सोशल मीडिया पर शेयर किया गया था.