शपथ, सिर पर संविधान, बयान और बवाल, जानिए संसद के पहले सत्र में क्या-क्या हुआ

Parliament session: 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून दिन सोमवार से शुरू हुआ जो 3 जुलाई 2024 तक चला. कुल 10 दिन में 7 बैठकें हुईं. 29 और 30 जून को छुट्टी रही. संसद का सत्र 3 जून को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रधानमंत्री के धन्यवाद प्रस्ताव के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया. इस दौरान सदन में काफी कुछ हुआ. आइये जानें पहले सत्र की प्रोडक्टिविटी कितनी रही और इसमें क्या-क्या हुआ.

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Parliament session: 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 3 जुलाई को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रधानमंत्री के धन्यवाद प्रस्ताव के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया. इस सत्र में सांसदों की शपथ, स्पीकर और नेता प्रतिपक्ष का चुनाव हुआ. इसके बाद राष्ट्रपति का अभिभाषण और उस पर आए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई. सत्र के दौरान कई मुद्द गरम रहे. सत्र से ठीक पहले NEET और NET की परीक्षाओं में आई गड़बड़ी के कारण ज्यादा समय इसी पर केंद्रित रहा. समापन से ठीक पहले नेता प्रतिपक्ष के बयान पर बवाल भी हुआ. आइये जानें पहले सत्र की प्रोडक्टिविटी कितनी रही और इसमें क्या-क्या हुआ.

आम चुनाव में NDA को बहुमत मिलने के बाद सरकार का गठन हुआ. इसमें प्रधानमंत्री के साथ मंत्रियों ने शपथ ली. इसके बाद संसद की कार्यवाही शुरू हुई. पहला सत्र 3 जुलाई को समाप्त हो गया. अब जल्द ही बजट सत्र बुलाया जा सकता है. आइये जानें पहले सत्र में क्या-क्या हुआ?

क्या रहा शेड्यूल

18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून दिन सोमवार से 3 जुलाई मंगलवार तक चला
10 दिन में कुल 8 बैठक प्रस्तावित थीं
24 और 25 जून को सांसदों की शपथ हुई
26 जून को लोकसभा स्पीकर का चुनाव हुआ
27 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संयुक्त सदन को संबोधित किया
28 से 3 जुलाई तक राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा और धन्यवाद प्रस्ताव आया
29 और 30 जून को छुट्टी रही

क्या रही प्रोडक्टिविटी

सत्र के स्थगन के बाद लोकसभा ने समरी जारी की है. इसके अनुसार, संसद के पहले सत्र में कुल 7 बैठकें हुई. इसमें 539 नवनिर्वाचित सांसदों ने शपथ ली. पूरे सत्र के दौरान कुल 34 घंटे 16 मिनट सदन का कार्यवाही चली. इसमें से 7 घंटे 32 मिनट की कार्यवाही देर रात तक हुई. हालांकि, पूरे सत्र में 5 घंटे 37 मिनट का नुकसान हंगामे के कारण हुआ. कुल मिलाकर 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 103 फीसदी प्रोडक्टिविटी के साथ समाप्त हुआ.

सांसदों की शपथ और स्पीकर का चुनाव

24 जून से संसद का पहला सत्र बुलाया गया. इसमें पहले दो दिन में नए सांसदों की शपथ कराई गई. इसके बाद 26 जून को लोकसभा के स्पीकर के रूप में ओम बिरला का चुनाव हुआ. वहीं इंडिया गठबंधन की ओर से राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बनाने की सिफारिश की गई. हालांकि, डिप्टी स्पीकर को लेकर सवाल बाकी रह गया.

राष्ट्रपति की अभिभाषण

शपथ और स्पीकर के चुनाव के बाद लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संबोधित किया. इसमें उन्होंने सरकार के अगले 5 साल के प्लान को सामने रखा. इसमें उन्होंने बताया कि इस बार का बजट ऐतिहासिक होगा. इसमें आर्थिक तथा सामाजिक मोर्चे पर बड़े फैसले लिए जाएंगे. इसके साथ ही राष्ट्रपति ने आपातकाल पर भी बात की जिस पर विपक्ष ने अभिभाषण को मोदी स्पीच करार दिया.

सिर पर संविधान

सत्र के पहले दिन ही इंडिया गठबंधन के सांसद हाथों में संविधान की कॉपी लेकर पहुंचे. सांसदों ने PM मोदी के खिलाफ भी जमकर हल्ला बोला. पहले ही दिन विपक्ष ने नीट के मामले को लेकर हंगामा किया. राहुल गांधी समेत तमाम नेताओं ने भाजपा और सरकार पर संविधान के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया. इसके बाद से सरकार और भाजपा की ओर से विपक्ष को आपातकाल के नाम पर घेरा गया. सदन में चर्चा के दौरान अनुसार ठाकुर का बयान काफी चर्चा में रहा. जो उन्होंने विपक्ष से संविधान की किताब में पन्नों की संख्या पूछ ली.

माइक ऑन-ऑफ का मामला

छुट्टी के बाद 1 जुलाई का संसद की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई इसमें NEET और NET का मामला गरमा गया. इस दौरान शुक्रवार को राहुल गांधी के माइक बंद होने का मामला दोनों सदनों में छाया रहा. हालांकि, इसपर स्पीकर ने सफाई भी दी कि स्वीच उनके कंट्रोल में नहीं होता है. समय पूरा होते ही माइक बंद हो जाता है. राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी पर खुलकर नाराजगी जताई.

नेता प्रतिपक्ष का भाषण पर बवाल

लोकसभा में सोमवार, 1 जुलाई राहुल गांधी ने भाषण दिया. विपक्ष के लोग इसकी खूब तारीफ कर रहे थे. हालांकि, उनके भाषण में कई ऐसी बातें रही जिनको लेकर उन्हीं के ऊपर सवाल खड़े हो गई. जैसे शहीद अग्निवीर के परिवार को मिलने वाला मुआवजा. इसके अलावा वो सदन में शंकर भगवान की फोटो लेकर पहुंचेल और हिंदू समाज को लेकर कुछ बातें कही. इसपर भी काफी बवाल हुआ. लोकसभा स्पीकर ने उनके पूरे भाषण में 14 बार कैंची चलाई. अगले दिन इसे लेकर भी विपक्ष ने बवाल काटा.

पीएम मोदी का संबोधन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 जुलाई को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर अपनी बात रखी. PM बोलना शुरू करते इससे पहले ही विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया. शोर-शराबे के बीच मोदी ने बोलना शुरू किया. अभिभाषण पर आभार जताते हुए उन्होंने विपक्षी दलों को आड़े हाथों लिया है. PM ने नाम लिए बिना राहुल गांधी पर निशाना साधा और उन्हें बालबुद्धी बताया. प्रधानमंत्री ने अपने 10 साल के कार्यकाल को लेकर भी कुछ बातें कहीं. प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान ही हाथरस का हादसा हो गया. उन्होंने इसपर सदन में ही शोक जताया. इसके बाद सत्र स्थगित हो गया

ये मुद्दे रहे गरम

पूरे सत्र के दौरान विपक्ष के हाथों में NTA, नीट और नेट रहा. विपक्ष ने भाजपा को संविधान विरोधी बात कर घेरा. इसके अलावा वो अपनी मोरल जीत को लेकर उत्साहित नजर आए. कुल मिलाकर पूरे सत्र में परीक्षाओं का मुद्दा ही ज्यादा चर्चा में रहा. हालांकि, राहुल गांधी के भाषण के बाद सरकार को उन्हें घेरने का मौका मिल गया. इससे पहले भाजपा विपक्ष को आपातकाल पर घेर रही थी. First Updated : Sunday, 07 July 2024