Parliament Special Session: महिला आरक्षण विधेयक को लेकर चर्चा तेज हो गई है. विपक्ष ने मांग की है कि सोमवार से शुरू हो रहे संसद सत्र में विशेष महिला आरक्षण बिल लाया जाए. सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि विपक्ष की सारी पार्टियों की एक ही मांग थी कि विशेष सत्र के दौरान महिला आरक्षण विधेयक पारित की जाए.
बीजेडी के सांसद पिनाकी मिसरा ने भी कहा, "सरकार 8 बिल का एजेंडा लेकर आई है, लेकिन हम पुरजोर मांग करते है कि महिला आरक्षण बिल अवश्य आना चाहिए. जब कमरे में साठ सांसद बैठे हैं तो उसमें सिर्फ चार महिला सांसद हैं, तो यो शर्म की बात है. क्योंकि जब देश की राजनीति में नया दौर शुरू हो रहा है तो आधी आबादी को 33 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए."
दरअसल, सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने के लिए ''उचित समय पर उचित निर्णय'' लिया जाएगा. कल शाम हुई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के नेता मौजूद रहे. प्रह्लाद जोशी ने कहा, "आज (सर्वदलीय) बैठक में 34 पार्टियों के 51 नेता शामिल हुए. सरकार ने एजेंडे की जानकारी दे दी है. चार बिल पहले से ही सूचीबद्ध हैं. संसदीय कार्य कुल मिलाकर 8 बिल हैं."
साल 1996 में एचडी देवगौड़ा की सरकार ने महिला आरक्षण बिल लागू करने की बात कही थी. उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री देवगौड़ा ने कहा कि संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलेगा, जिससे सत्ता में उनकी भागीदारी में वृद्धि हो, लेकिन आज तक ये बिल संसद में पारित नहीं हुआ. First Updated : Monday, 18 September 2023