Supreme Court Strict on Misleading Advertisements: सुप्रीम कोर्ट ने आज (मंगलवार) को योग गुरु स्वामी रामदेव के अधिकार वाली पतंजलि आयुर्वेद और उसके प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण को अवमानना नोटिस जारी किया गया है. कोर्ट की तरफ से यह कार्रवाई उनके प्रोडक्ट्स के भ्रामक विज्ञापनों को फैलाने को लेकर की गई है. इस दौरान कोर्ट ने पंतजलि को अगले आदेश तक अपने मेडिकल उत्पादों का विज्ञापन बंद करने का भी आदेश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनवाई 'एलोपैथी के खिलाफ गलत सूचना' के संबंध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की याचिका पर करते हुए पतंजलि समूह की खिंचाई की है. मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि भ्रामक विज्ञापनों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की और से पेश सीनियर एडवोकेट पीएस पटवालिया ने कोर्ट के सामने कहा कि पतंजलि की और से यह दावा किया गया था कि मधुमेह और अस्थमा को योग से पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं. इसके अलावा बीते साल नवंबर, 2023 में आईएमए की ओर से एक और याचिका दायर की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पतंजलि की तरफ से कोविड-19 टीकाकरण के खिलाफ भी एक अभियान चलाया गया था.
इस दौरान मामले में जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने केंद्र से परामर्श करने और आगे आने के लिए कहा था. साथ ही भ्रामक विज्ञापनों से निपटने के लिए कुछ सिफारिशें भी की थीं.
उस दौरान पीठ ने मामले को फरवरी के लिए पोस्ट करने से पहले कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद के सभी झूठे और भ्रामक विज्ञापनों को तुरंत बंद करना होगा. कोर्ट ऐसे उल्लंघनों को बेहद गंभीरता से लेगी और प्रत्येक प्रोडक्ट पर 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने पर विचार करेगी, जिसके बारे में गलत दावा किया गया है कि यह एक विशेष बीमारियों का इलाज कर सकता है.
बता दें, कि कोविड-19 महामारी के दौरान एलोपैथिक दवाओं के उपयोग के खिलाफ अपनी विवादास्पद कमेंट्स के लिए आईएमए की ओर से दर्ज किए गए विभिन्न आपराधिक मामलों का सामना करते हुए, स्वामी रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसने 9 अक्टूबर को मामलों को रद्द करने की उनकी याचिका पर केंद्र और एसोसिएशन को नोटिस जारी किया था.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, योग गुरु स्वामी रामदेव पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188, 269, 504 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. आईएमए की शिकायत के अनुसार रामदेव कथित तौर पर मेडिकल बिरादरी की ओर से इस्तेमाल की जा रही दवाओं के खिलाफ सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैला रहे है. कोर्ट ने इस मामले के संबंध में अगली सुनवाई 15 मार्च को तय की है. First Updated : Tuesday, 27 February 2024