Article 370: पीडीपी का आरोप महबूबा मुफ्ती, अब्दुल्ला हाउस अरेस्ट, उपराज्यपाल ने किया खंडन
Article 370: सुप्रीम कोर्ट ने आज 370 पर अहम सुनवाई की है. वहीं, पीडीपी ने महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को फैसला आने से पहले आने से पहले नजरबंद करने का आरोप लगाया. जिसका उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने खंडन किया है.
Article 370: सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने आज 370 पर अहम सुनवाई की है. उससे पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को फैसला आने से पहले नजरबंद करने का आरोप लगाया था. जिसका जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पूरी तरह खंडन करते हुए कहा कि नजरबंदी या गिरफ्तारी की खबर पूरी तरह से निराधार है.
पीडीपी ने सोशल मीडिया साइट X पर पोस्ट कर महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 पर फैसला आने से पहले नजरबंद करने का दावा किया. जिसको निराधार बताते हुए जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि भ्रामक अफवाह न फैलाएं.
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने X पर पोस्ट कर कहा, "सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुनाए जाने से पहले ही, पुलिस ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के आवास के दरवाजे सील कर दिए हैं और उन्हें अवैध रूप से नजरबंद कर दिया है।"
पीडीपी के दावे के बाद जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले किसी की भी नजरबंदी नही की गई है. यह दावा पूरी तरह से निराधार है. वहीं, पुलिस ने बताया कि पत्रकारों को नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के गुपकर स्थित आवास के पास इकट्ठा होने की अनुमति नहीं दी गई थी.